इंडिया न्यूज सेंटर, मेरठः बूचड़खाने और कमेलों के बारे में आपने सुना तो जरुर होगा लेकिन वहा पर काम कैसे होता है यह आपको मालूम नही होगा। इन बुचडखानों में महिलाए पशु काटने से लेकर पैकिंग का काम बड़ी बखुबी से करती है। , लेकिन इनके अंदर कैसे काम होता है और कौन इस काम को करने में प्रफेक्ट होता है यह शायद आप नहीं जानते होंगे। आज हम आपको उसी बारे में बताएंगे कि बूचड़खानों में कौन ज्यादा और अच्छा काम करता है। हालांकि यह बात जानकर आप हैरान रह जाएंगे। इन बूचड़खानों में कोई और नहीं बल्कि मुस्लिम महिलाएं अधिक संख्या में काम करती हैं। यह महिलाएं कई शिफ्ट में काम करती है। आप फोटो में देखकर खुद अंदाजा लगा सकते है कि इस जिम्मेदारी को महिलाएं कितने अच्छे से निभाती हैं। अब सवाल है कि प्रदेश में योगी राज आते ही बूचड़खानों और कमेलों पर बड़ी तेजी से कार्रवाई हो रही है। तब इनके रोजगार का क्या होगा? बात अगर मेरठ की करें तो यहां हजारों महिलाएं प्रतिदिन 300 की मजदूरी पर पशु कटान से लेकर पैकिंग तक का जिम्मा संभालती है। मगर अब उनके काम पर बड़ा असर पड़ा है। बात अगर मेरठ की करें तो यहां हजारों महिलाएं प्रतिदिन 300 की मजदूरी पर पशु कटान से लेकर पैकिंग तक का जिम्मा संभालती है। मगर अब उनके काम पर बड़ा असर पड़ा है।