` मेरठ में शर्मसार हुई इंसानियत, एंबुलेंस के लिए बेटी का शव लेकर पूरी रात इंतजार करती रही मां

मेरठ में शर्मसार हुई इंसानियत, एंबुलेंस के लिए बेटी का शव लेकर पूरी रात इंतजार करती रही मां

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इंडिया न्यूज सेंटर, मेरठ। इलाज के लिए बागपत से अपनी बच्ची को लेकर मेरठ आई बेबस मां तमाम प्रयास के बाद भी उसकी जान नहीं बचा सकी। बच्ची की मौत के बाद मां बेटी का शव घर ले जाना चाहती थी, लेकिन एंबुलेंस का किराया देने के लिए उसके पास रुपए नहीं थे। पूरी रात अपनी बेटी के शव को डिस्ट्रिक हॉस्पिटल की इमरजेंसी के बाहर लेकर बैठी रही। बागपत जिले के गांव गौरीपुर निवाड़ा निवासी इमराना की ढाई साल की बेटी गुलनाद वायरल बुखार से पीडि़त थी। इमराना ने बताया कि उसने बागपत में उसका इलाज कराया, लेकिन बेटी को आराम नहीं लगा। शुक्रवार को बेटी की हालत बिगडऩे पर उसे मेरठ मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया। वह बेटी को लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंची लेकिन डॉक्टरों ने उसे देखने के बाद मृत घोषित कर दिया। वहां से इमराना अपनी बेटी को लेकर जिला अस्पताल आई और डॉक्टरों से एक बार उसकी बेटी को देखकर इलाज करने की मिन्नतें की। जिला अस्पताल की इमरजेंसी में भी डॉक्टरों ने उसकी बेटी को मृत घोषित कर दिया। वहां पर इमराना ने शव ले जाने के लिए लिए एंबुलेंस की मांग की। उसे बताया गया कि रात में सरकारी एंबुलेंस दूसरे जिले में नहीं भेजी जाती। डॉक्टरों ने उसे प्राइवेट एंबुलेंस लेकर जाने के लिए कहा। प्राइवेट एंबुलेंस वालों ने इमराना से ढाई हजार रुपए मांगे, जो उसके पास नहीं थे। एंबुलेंस चालक को देने के लिए पैसे न होने की वजह से इमराना अपनी बेटी का शव रात में अपने गांव नहीं ले जा सकी। बेबस मां रातभर अपनी बेटी गुलनाद का शव गोद में लेकर जिला अस्पताल की इमरजेंसी के गेट पर बैठी रही। रविवार को गांव वालों की मदद से शव को गांव पहुंचाया गया।
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Source: India News Centre

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