वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह केवल ‘फर्जी खबरों’ के खिलाफ हैं, लेकिन प्रेस की आजादी के खिलाफ नहीं है। ट्रंप ने कंसर्वेटिव पॉलिटिकल एक्शन कांफ्रेंस में कहा, ‘मैं मीडिया के खिलाफ नहीं हूं. मैं प्रेस के विरुद्ध नहीं हूं। मैं फर्जी खबरों, मीडिया या प्रेस के खिलाफ हूं.’ उन्होंने कहा, ‘मैं उन लोगों के खिलाफ हूं जो खबरें गढ़ते हैं और स्रोत भी तैयार करते हैं. जब तक वे किसी व्यक्ति का नाम नहीं लेते, उन्हें स्रोत का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं होनी चाहिए. नाम सार्वजनिक कीजिए.’ वह अपने राष्ट्रपति चुनाव के अभियान के दौरान के मीडिया कवरेज के संदर्भ में गुस्सा जाहिर कर रहे थे।
बतौर राष्ट्रपति पहले प्रेस कांफ्रेंस पत्रकार से उलझे थे ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित होने के बाद अपने पहले प्रेस कांफ्रेंस में डोनाल्ड ट्रंप सीएनएन के रिपोर्टर के साथ उलझ गए थे। उन्होंने रिपोर्टर को सवाल पूछने नहीं दिया. साथ ही उनके समाचार नेटवर्क को ‘फर्जी न्यूज’ कहकर उसकी आलोचना की थी।
‘बजफीड’ की ओर से अपुष्ट डोजियर जारी किए जाने के मुद्दे को लेकर ट्रंप सीएनएन के एक रिपोर्टर से वाक्युद्ध में उलझ गए। ट्रंप ने इस डोजियर को ‘कचरा’ बताया था।
मीडिया को बताया था अमेरिका का दुश्मन
पिछले दिनों अमेरिका की वर्तमान सरकार की आलोचना करने वाले समाचार पत्रों एवं चैनलों पर हमला तेज करते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि मीडिया ‘अमेरिकी लोगों का दुश्मन’ है।. ट्रंप ने ट्वीट किया, ‘फेक न्यूज’ मीडिया (नाकाम हो रहे एनवाईटाइम्स, एनबीसीन्यूज, एबीसी, सीबीएस, सीएनएन) मेरा दुश्मन नहीं है। वह अमेरिकी लोगों का दुश्मन है।उन्होंने अपने उस बयान के एक दिन बाद यह तीखा हमला किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनका प्रशासन अच्छी तरह काम कर रहा है और व्हाइट हाउस के भीतर कोई ‘अव्यवस्था’ नहीं है ।जैसा कि मीडिया की ‘झूठी’ रिपोर्टों में बताया जा रहा है। ट्रंप ने कहा कि उन्हें समाचार पत्रों और टेलीविजन चैनलों पर व्हाइट हाउस में व्यवस्था होने की खबरें पढ़कर और सुनकर नाखुशी होती है।मालूम हो कि डोनाल्ड ट्रंप सरकार की ओर से सात मुस्लिम देशों के नागरिकों को अमेरिका में बैन करने, वीजा नियमों में बदलाव जैसे फैसलों की भी मीडिया में काफी आलोचना हुई है।