इंडिया न्यूज सेंटर, नई दिल्ली: माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है। इस दिन गंगा में डुबकी लगाने वालों को खास लाभ मिलते हैं। कहा जाता है कि इस मास में देवताओं का वास होता है। ऐसे में गंगा घाटों पर मेले भी लगते हैं। तीर्थराज प्रयाग यानी इलाहादाबद में पावन संगम पर लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई। माघ मेला के कुल 6 स्नान पर्व है जिसमें तीसरा आज 27 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन है। इस पर्व के अवसर पर पवित्र संगम में डुबकी लगाने के लिए लगभग लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी। पूरा मेलाक्षेत्र 1432 बीघे में फैला हुआ है। सुबह से स्नान करने का जो सिलसिला शुरू हुआ जो अबतक जारी है। गंगा में श्रद्धालुओं के लिए स्नान के लिए प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए हैं। देश के दूसरे हिस्सों में भी गंगा तट पर श्रद्धालु गंगा में स्नान कर रहे हैं। मौनी अमावस्या की शुरुआत गुरुवार शाम पांच बजे से ही हो गई है। स्नान का मुहूर्त शुक्रवार को शाम साढ़े चार बजे तक रहेगा। स्नान का मुहूर्त 27 जनवरी को भोर में 4:47 बजे से पूरे दिन रहेगा लेकिन सुबह 11 बजे तक स्नान का सर्वोत्तम समय माना गया है।