Youth Akali Dal workers staged huge protest in front of Krishi Bhavan New Delhi
सभी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य के अनुसार सरकारी खरीद के लिए किसानों की दुर्दशा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए सड़कें जाम की तथा उन्हे गिरफ्तार कर मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन ले जाया गया
सरदार परमबंस सिंह रोमाणा ने कपास और मक्का ले जाने वालों का नेतृत्व किया तथा भाजपा सरकार से पूछा कि एमएसपी जारी रहने के दावों के बावजूद उसे एमएसपी पर क्यों नही खरीदा जा रहा है
कहा कि भाजपा सरकार इंदिरा गांधी के रास्ते पर चल रही है, केंद्र पंजाबियों की भावनाओं से खिलवाड़ न करें
इंडिया न्यूज सेंटर,दिल्ली : यूथ अकाली दल (वाईएडी) के कार्यकर्ताओं ने आज किसान भवन के सामने किसानों पर जबरन थोपे जा रहे खेती के काले कानूनों के विरोध में विशाल धरना दिया और कठोर कानूनों को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य के अनुसार खाद्य उपज की सुनिश्चित सरकारी खरीद की संवैधानिक गारंटी की मांग करने पर गिरफ्तार कर मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन लेकर जाया गया।
यूथ अकाली दल के कार्यकर्ताओं ने किसान भवन के मुख्य गेट पर एकत्र होकर इस बात पर प्रकाश डाला कि किस तरह न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कपास और मक्का की फसल पर खरीद नही की जा रही है। उन्होने कृषि मंत्री से यह खुलासा करने की मांग की है कि केंद्र द्वारा घोषित की गई 27 फसलों में से अधिकांश को सरकारी एजेंसियों द्वारा एमएसपी पर क्यों नही खरीदा जा रहा है, बावजूद इसके कि न्यनूतम समर्थन मूल्य जारी रहेगा। मेन गेट को बंद कर दिया गया, तथा ‘अन्नदाता’ की दुर्दशा के बारे जागरूकता बढ़ाने के लिए नाकाबंदी करने के लिए नौजवान मुख्य सड़क पर धरने पर बैठ गए।
भाजपा सरकार द्वारा किसान नेताओं का अपमान करने के एक दिन बाद किसानों की मांगों को लेकर आवाज उठाने के लिए युवा राजधानी आए थे, यूथ अकाली दल के अध्यक्ष परमबंस सिंह रोमाणा ने कहा कि यह बेहद चौंकाने वाली बात है कि केंद्र सरकार किसानों की बात सुनने यां उनसे मिलने के लिए तैयार नही हैं, और इसके बजाय पंजाब में अपने मंत्रियों का संरक्षण कर रहे हैं, ताकि किसानों को बताया जा सके कि केंद्रीय कृषि कानून कितने अच्छे हैं। भाजपा सरकार द्वारा इस पंजाबियों का अपमान करने की बात कहते हुए उन्होने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा पंजाबियों के साथ किए गए भेदभाव से मेल खाता है। ‘भाजपा सरकार को इंदिरा गांधी द्वारा लिए गए रास्ते का अनुसरण नही करना चाहिए और पंजाबियों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने से बचना चाहिए ताकि राज्य को काले युग में धकेला न जा सके जैसा कि कांग्रेस पार्टी ने पहले किया था।
किसानों के साथ किए जा रहे भेदभाव का ब्यौरा देते हुए सरदार परमबंस सिंह रोमाणा ने कहा कि भारतीय कपास निगम (सीसीआई), न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कपास उपज का केवल एक अंश खरीद रहा था और किसानों का शोषण प्राईवेट कंपनियों द्वारा किया जा रहा है जो अपनी उपज की खरीद से कम दरों पर कर रहे हैं, जो 5,725 रूपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य से 1000 रूपये कम थे। यहां तक कि उन्होने इस विवाद को साबित करने के लिए मीडिया को सीसीआई के आंकड़े भी दिखाए। उन्होने कहा कि बाजार में आने वाली 2.50 लाख क्विंटल कपास में से सीसीआई ने केवल 50हजार क्विंटल कपास ही खरीदी थी। उन्होने कहा कि लगभग 80 फीसदी कपास किसानों को अपनी उपज संकट दरों पर बेचने पर मजबूर किया गया।
यूथ अकाली दल के जनरल सचिव सर्बजोत सिंह साबी के साथ सरदार रोमाणा ने कहा कि मक्का के मामले में स्थिति बदतर है। उन्होने कहा कि 1850 रूपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य के मुकाबले प्राईवेट कंपनियों ने 800 रूपये से 1000 रूपये प्रति क्विंटल के बीच की दरों पर मक्का खरीदा था। ‘ पंजाब के मामले में किसी भी सरकारी एजेंसी द्वारा एक भी मक्का का बीज नही खरीदा गया था। उन्होने कहा कि अगर इसका पालन नही किया गया तो न्यूनतम समर्थन मूल्य का क्या लाभ हुआ? यह वही है जो शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने कृषि कानूनों को विरोध करते हुए यहां तक कि एनडीए का गठबंधन भी छोड़ दिया था।
किसान चाहते हैं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को वैधानिक कानून के रूप में मान्यता दी जाए और जिन कृषि उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया गया है उन्हे सुनिश्चित सरकारी खरीद गारंटी के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाना चाहिए। सरदार रोमाणा ने कहा कि तभी किसानों को विनाश से बचाया जा सकता है।