इंडिया न्यूज सेंटर, लखनऊ। यूपी में 6 सितंबर से शुरू हुई कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की किसान यात्रा का पहला चरण खत्म हो गया है. इस दौरान राहुल के रणनीतिकार प्रशांत किशोर पहले अपनी टीम के साथ मिलकर भविष्य की रणनीति तैयार करने में जुटे हैं. पीके अपनी टीम से शुरुआती यात्रा के दौरान रोड शो, खाट चौपाल, नुक्कड़ सभा और दलितों से मुलाकातों का फीडबैक ले रहे हैं. साथ ही यात्रा के दौरान स्थानीय नेताओं की भूमिका की भी रिपोर्ट मांगी जा रही है. बताया जाता है कि प्रशांत किशोर रिपोर्ट में खास तौर पर यह देख रहे हैं कि किस नेता ने कहां, कितनी मेहनत की और कहां यात्रा फीकी रह गई. अपनी टीम से रिपोर्ट लेने के बाद पीके इस मुद्दे पर जल्दी ही प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद और प्रदेश के दूसरे बड़े नेताओं से चर्चा करेंगे. इसके बाद पीके खुद राहुल गांधी से चर्चा कर यात्रा के अगले चरण में इस बात का ख्याल रखेंगे किआगे यात्रा में कोई कमी न रह जाए. साथ ही उन स्थानीय नेताओं पर भी लगाम कसी जाएगी, जिनके इलाकों में यात्रा उम्मीद के मुताबिक नहीं रही या जहां कुछ कमी रह गयी है. इससे यात्रा के अगले चरण में स्थानीय नेताओं को भी संदेश जाएगा कि कमी रही तो खैर नहीं. प्रशांत किशोर ने कांग्रेस आलाकमान को यात्रा में आई भीड़ को वोट में बदलने के लिए खास सुझाव दिए हैं, जिन पर राहुल के निर्देश के बाद यूपी कांग्रेस को अमल करने को कहा गया है. दरअसल, पीके का सुझाव है कि राहुल की यात्रा निकल जाने के बाद स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी होगी कि वो जनता के बीच माहौल बनाए रखें. किसान की कर्ज माफी, बिजली बिल हाफ करना और समर्थन मूल्य के नारे को घर-घर में जीवित रखा जाए, वर्ना हालात 2007 और 2012 के विधानसभा चुनावों जैसे हो जाएंगे. क्योंकि राहुल की सभाओं में भीड़ तब भी आई थी, लेकिन वोट नहीं मिले