केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और विधायक उमेश मलिक की अगुवाई में खाप पंचायतों के प्रतिनिधिमंडल ने 5 फरवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को केस की लिस्ट सौंपी थी
नवीन गोयल,मुज़फ्फरनगरः उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मुजफ्फर नगर और शामली में हुए दंगों के 131 मामले वापस लेने के आदेश जारी कर दिए है। मुकदमा वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार में हिंदूओं पर फर्जी मुकदमे किए गए थे। वहीं बीजेपी के राज्यसभा सांसद विनय कटियार ने कहा कि योगी सरकार का फैसला सही है। पिछली सरकार ने जानबूझकर निर्दोष हिंदूओं पर केस दर्ज कर दिए थे। जिन मुकदमों को सरकार वापस लेने जा रही है उनमें हत्या के 13 और हत्या के प्रयास के 11 मामले हैं। इस मामले में सपा प्रवक्ता जूही सिंह ने कहा कि बीजेपी सरकार को बताना होगा कि आखिर किस आधार पर मुकदमें वापस लिए जा रहे हैं। 2013 में मुजफ्फरनगर और शामली में हुए दंगों में 500 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए थे। सरकारी आंकड़े के मुताबिक मुजफ्फर नगर और शामली में हुए दंगे में 62 लोगों की मौत हुई थी। साथ ही करीब हजार लोगों को घर-बार छोड़कर भागना पड़ा था। इस दंगे में दर्ज हुए मुकदमों में 1455 लोगों को आरोपी बनाया गया है, तब समाजवादी पार्टी की सरकार थी। केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने बताया कि वे और विधायक उमेश मलिक की अगुवाई में खाप पंचायतों के प्रतिनिधिमंडल ने 5 फरवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को केस की लिस्ट सौंपी थी, जिसमें ज्यादातर हिंदूओं के नाम थे। इसके बाद सीएम योगी ने केस वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।23 फरवरी को उत्तर प्रदेश के कानून विभाग ने विशेष सचिव राजेश सिंह के हवाले से मुजफ्फरनगर और शामली के जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर 131 मुकदमों के संबंध में 13 बिंदुओं पर सूचना मांगी थी। डीएम से केस हटाने को लेकर संस्तुति मांगी गई थी, शासन से आए पत्र को डीएम ने जिले के एसपी के पास भेजकर डिटेल्स देने को कहा है।