इंडिया न्यूज सेंटर, लखनऊः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अवैध बूचडख़ाने बंद करने के फैसले से मीट का कारोबारियों में हडकंप मच गया है। यह बात कहना गलत है कि इन बुचड़खानों के बंद होने से लोग बेरोजगार हो जाएगें। यह तो केवल राजनीति करने की बात है हम यह क्यों नही सोचते है कि बोजुबान जानवरों को मारना कितना ठीक इसका जबाब लोग तो समझ गए है लेकिन कुछ मीडियां वाले अपनी दुकानदारी चलाने के लिए एेसी खबरें प्रकाशित कर रहे है। जो लोग इन बुचड़खानों में काम करते है वह गाय भेसों को पालन का काम करें दुध दही का बिजनेस करें। अब यूपी में योगीआदित्यनाथ की सरकार है अब तो यह बुचड़खाने बंद होकर रहेगें। अब इस चक्कर में 112 साल का टुंडे कबाब बंद हो या अन्य मीट का धंधा करने वालों की दुकान पर ताले लगें। यूपी की नवगठित भाजपा सरकार ने बुधवार को अवैध बूचडख़ानों पर कार्रवाई के आदेश दिए थे और कई बूचडख़ाने बंद भी करवा दिए थे। एक रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार को मांस की कमी के कारण लखनऊ का ये 1905 में शुरू हुआ रेस्तरां बंद हो गया था। वहां के मालिक मोहम्मद उस्मान ने कहा कि दुकान पूरे दिन के लिए बंद करनी पड़ी क्योंकि मांस उपलब्ध नहीं था। हमें गोश्त नहीं मिलेगा तो दुकान कैसे चलायेंगे? वहां के अकबरी फाटक में भैंस का मांस बेचने वाले रेस्तरां का आउटलेट भी बंद रहा।मालिक ने कहा कि अमीनाबाद में चिकन और मटन बेचने वाले आउटलेट खुले रहे, चूंकि मटन या चिकन की आपूर्ति प्रभावित नहीं हुई थी। अब कट्टरपंथी हिंदुत्व नेता और गोरखनाथ मंदिर के पुजारी योगी आदित्यनाथ इन मामलों में सबसे पहले विचार कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश राज्य भर में कई छापे मारे गए और कई अवैध बूचडख़ाने बंद किए गए। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 200 से 250 अवैध दुकानों में से 9 को बंद कर दिया गया है। एलएमसी के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी एके राव ने बताया कि ऐसी दुकानें चल रही हैं जो मानदंडों का पालन नहीं कर रही हैं। ऐसी दुकानों को विनियमित या बंद करने की आवश्यकता है। वाराणसी में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नगरपालिका अधिकारियों, प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की संयुक्त टीमों द्वारा छापे मारे गए। इसी के चलते गाजियाबाद में 10 अन्य मांस की दुकानें बंद की गईं।