` रक्षामंत्री ने कहा विपक्ष विदेशी कंपनियों के हाथों खेल रहा है

रक्षामंत्री ने कहा विपक्ष विदेशी कंपनियों के हाथों खेल रहा है

Defense Minister said the opposition is playing in the hands of foreign companies share via Whatsapp

Defense Minister said the opposition is playing in the hands of foreign companies



नेशनल न्यूज डेस्कः
राफेल को लेकर छिडे राजनीतिक घमासान के बीच रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि वह विदेशी कंपनियों के हाथों मे खेल रही है। आज यह मामला तब गरमाया जब एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस करके राफेल सौदे में प्रधानमंत्री कार्यालय के हस्तक्षेप का आरोप लगाया। रक्षा मंत्री ने तो संसद में राहुल गांधी के आरोपों का खंडन किया साथ ही राफेल सौदे की वार्ता के समय रक्षा सचिव रहे जी मोहन कुमार ने भी अखबार और राहुल के आरोपों का खंडन किया है। राफाल सौदे पर  एक अखबार की खबर के आधार पर विपक्ष की ओर से लगाए जा रहे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए  रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि विपक्ष बहुराष्ट्रीय कंपनियों और निहित स्वार्थ से जुड़े तत्वों के हाथों में खेल रहा है । लोकसभा में  रक्षा मंत्री ने कहा कि विपक्ष का  प्रयास गड़े मुर्दे उखाड़ने जैसा है।
गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अखबार की हवाले से राफेल सौदे में पीएमओ  के हस्तक्षेप का आरोप लगाया था और इसके लिए रक्षा मंत्रालय के एक नोटस का हवाला दिया ।  इन आरोपों को खारिज करते हुए सीतारमण ने कहा कि पीएमओ की ओर से विषयों के बारे में समय-समय पर जानकारी लेना हस्तक्षेप नहीं कहा जा सकता है। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने  यूपीए सरकार के समय बनी  सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के दखल को याद कराया । मीडिया की रिपोर्ट के संदर्भ में रक्षा मंत्री ने कहा कि इसमें  एथिक्स  का पालन करना चाहिए था । उन्होंने कहा  कि  अगर अखबार सच को सामना लाना चाहता तो उसे तब और आज के रक्षा मंत्री की बात को भी इसमें शामिल करना चाहिए था। अखबार ने पूरी सच्चाई सामने नहीं रखी है।  गौरतलब है कि अखबार ने जिस नोट का जिक्र किया है उसी नोटस में नीचे  ततकालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का भी नोट्स है जिसमें उन्होंने मिनिस्ट्री के नोट को 'ओवर रिएक्शन' करार दिया था। रक्षा मंत्री ने नोट्स में लिखा था - ऐसा लगता है कि शिखर बैठक के नतीजों के मुताबिक ही प्रधानमंत्री कार्यालय और फ्रांस के राष्ट्रपति का ऑफिस सीधे इस मामले में निगरानी रख रहे हैं । 5वें पैरा में लिखी गई बातें जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया है । रक्षा सचिव (जी मोहन) को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव से सलाह-मशविरा कर इस मुद्दे को हल करना चाहिए। राफेल सौदे की वार्ता के समय रक्षा सचिव रहे जी मोहन कुमार ने भी अखबार और राहुल के आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने कहा- 'अखबार जो कुछ भी छपा है  उसका कीमत से कोई संबंध नहीं है । बातचीत केवल कीमत के लिए नहीं बल्कि बाकी चीजों के लिए भी थी । यह संप्रभु गारंटी और सामान्य नियम-शर्तों को लेकर थी।''इस बीच रफाल पर हुई बातचीत की टीम के प्रमुख रहे एसबीपी सिन्हा ने भी अखबार की खबर पर हैरानी जताते हुए कहा है उस नोटस का बातचीत से कोई मतलब नहीं है और नोट लिखने वाला बातचीत की टीम का हिस्सा भी नहीं थे।
गौरतलब है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हुई थी और वहां से सौदे को क्लीन चिट मिल चुकी है । संसद  में भी इस मसले पर चर्चा हुई थी और रक्षा मंत्री के साथ ही केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष के तमाम आरोपों को सिलसिलेवार जवाब दे दिया था । सरकार का कहना है कि रफाल पर हर सवाल का जवाब दिया जा चुका है और अब यह मुद्दा खत्म हो चुका है। 

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Source: INDIA NEWS CENTRE

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