इंडिया न्यूज सेंटर, जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने गुर्जर सहित पांच जातियों को पांच फीसदी आरक्षण देने वाले एसबीसी आरक्षण अधिनियम, 2015 और इस संबंध में जारी की गई नोटिफिकेशन रद्द कर दी है। अदालत ने अपने आदेश में माना कि संविधान के खिलाफ जाकर कुल पचास फीसदी से अधिक आरक्षण नहीं दिया जा सकता। इसके अलावा इस संबंध में आयोग की रिपोर्ट भी पर्याप्त नहीं है। आयोग ने 82 में से 25 जातियों का अध्ययन ही नहीं किया। इसके अलावा अधिक प्रतिनिधित्व वाली जातियों को भी बाहर नहीं किया गया। अदालत ने माना कि आयोग ने आईडीएस की सर्वे रिपोर्ट पर सवाल किए थे, लेकिन बाद में उसी रिपोर्ट के आधार पर अपनी अनुशंसा कर दी। याचिका में अधिवक्ता शोभित तिवाड़ी ने कहा कि संविधान में आरक्षण की सीमा तय है। यह पचास फीसदी से अधिक नहीं हो सकती। इसके अलावा हाईकोर्ट ने 22 दिसंबर 2010 को पूरी आरक्षण व्यवस्था को रिव्यू करने को कहा था, लेकिन आयोग की ओर से ऐसा नहीं किया गया। राजस्थान सरकार ने गुर्जरों को पहली बार साल 2008 में एसबीसी की अलग से श्रेणी बनाते हुए पांच प्रतिशत का आरक्षण दिया था। इससे राज्य में कुल आरक्षण 49 से बढक़र 54 प्रतिशत हो गया था।