इंडिया न्यूज सेंटर, लखनऊ। 2013 में हुए डीएसपी जिया-उल-हक मर्डर केस में एसआईटी से जांच करने वाली याचिका पर मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई होगी। ये याचिका जिया-उल-हक की पत्नी परवीन आजाद की तरफ से 16 सितंबर को दायर की गई थी। परवीन ने सीबीआई की जांच को कठघरे में खड़ा करते हुए फिर से जांच की मांग की है। इससे कैबिनेट मंत्री राजा भैया की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। परवीन का कहना है कि सीबीआई ने इस मामले में निष्पक्ष जांच नहीं की है, इसलिए जांच दोबारा की जाए। इसके लिए उन्होंने एसआईटी के गठन की मांग की है। उन्होंने याचिका में ये भी कहा है कि जब एसआईटी इस मामले की फिर से जांच करे तो उस दौरान सरकार में मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया को उनके पद से हटा दिया जाए। उनका कहना है कि रघुराज प्रताप सिंह के मंत्री रहते निष्पक्ष जांच नहीं हो पाएगी। 2013 में प्रतापगढ़ के कुंडा में सीओ जिया-उल-हक की हत्या कर दी गई थी। मामले में परवीन आजाद ने राजा भैया और उनके करीबियों पर मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद राजा भैया ने कैबिनेट मिनिस्टर के पद से इस्तीफा दे दिया था। सीबीआई ने इस मामले की जांच की, उनका पालीग्राफ टेस्ट भी कराया गया। हालांकि, बाद में राजा भैया को क्लीन चिट दे दी गई। क्लीन चिट मिलने के बाद राजा भैया फिर से मिनिस्टर बन गए।