इंडिया न्यूज़ सेंटर, लखनऊ। यूपी में समाजवादी पार्टी और सरकार में मचे घमासान को लेकर मुलायम का परिवार सुलह के संकेत दे रहा है. कयास लगाए जा रहे हैं कि कई मुद्दों पर सुलह हो गई है. इसके साथ ही झगड़े की असल वजह के सामने आने का दावा किया जा रहा है. मुलायम के एक अन्य भाई और मुख्यमंत्री अखिलेश के करीबी माने जाने वाले चाचा राम गोपाल यादव ने झगड़े का ‘राज’ खोला है. जिक्र करते हुए उन्होंने अंदर की कहानी भी बता दी इसके साथ ही मीडिया के साथ हुई बातचीत के दौरान हंसते-हंसते कई गंभीर बातों का जिक्र करते हुए उन्होंने अंदर की कहानी भी बता दी. साथ ही उन्होंने साफ संकेत दे दिया कि वर्तमान हालातों में पार्टी में राज्यसभा सांसद अमर सिंह के लिए कोई जगह नहीं होगी. यही नहीं अमर सिंह के ‘मुलायमवादी’ होने के जुमले का भी करारा जवाब राम गोपाल ने दे दिया. इस पर अमर सिंह भी अपनी सफाई पेश कर रहे हैं. सीएम को यूपी के अध्यक्ष पद से जो हटाया गया राम गोपाल ने प्रेसकांफ्रेंस में कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मुलायम सिंह से पूछ कर और खुद से, दोनों तरह से फैसले लेते हैं. एक सवाल के जवाब में राम गोपाल ने बताया कि सीएम को यूपी के अध्यक्ष पद से जो हटाया गया अगर उनसे बता कर ऐसा किया जाता तो अच्छा होता. वह इस्तीफा दे देते. ऐसे में पार्टी में जो कुछ भी चल रहा है उसमें सुधार करने की कोशिश की जाएगी. नाम लिए ही सीधे अमर सिंह पर निशाना साधा राम गोपाल ने बिना नाम लिए ही सीधे अमर सिंह पर निशाना साधा और कहा कि उन्हीं की वजह के गलतफहमिया हुई हैं. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री जो भी फैसला लेते हैं उसमें हर किसी को साथ देना चाहिए. इसके साथ ही यह भी बोला कि राष्ट्रीय प्रभारी जैसे पदों को भी बाहरी लोगों ने मुलायम को बरगलाकर बनवाया था. जो समाजवादी नहीं हो सकता है वो आखिर मुलायमवादी कैसे अमर सिंह पर ही निशाना साधते हुए रामगोपाल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि जो समाजवादी नहीं हो सकता है वो आखिर मुलायमवादी कैसे हो सकता है. गौरतलब है कि एक कार्य़क्रम में अमर सिंह ने खुद को मुलायमवादी बताया था. और अमर सिंह यह भी कहते हैं कि मुलायम सिंह उन्हें हमेशा प्यारे हैं. अखिलेश सिंह को अमर सिंह नहीं भाते हैं और इसी वजह से गौरतलब है कि असल मुद्दा अमर सिंह की वह पार्टी बनी थी जिसमें मुलायम, शिवपाल और पूर्व यूपी के मुख्य सचिव दीपक सिंघल भी शामिल हुए थे. अखिलेश सिंह को अमर सिंह नहीं भाते हैं और इसी वजह से दीपक सिंघल को कुर्सी भी गंवानी पड़ी थी. जबकि, उसके बाद अखिलेश को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाकर शिवपाल को संगठन की जिम्मेदारी दे दी गई थी. नाराज अखिलेश ने मुख्यमंत्री के तौर पर फैसला करते हुए… इसके बाद नाराज अखिलेश ने मुख्यमंत्री के तौर पर फैसला करते हुए पहले दो मंत्रियों को बर्खास्त किया और फिर शिवपाल यादव से सात महत्वपूर्ण मंत्रालय छीन लिए. हालांकि, अमर सिंह को लेकर दो खेमें साफ नजर आ रहे हैं. राम गोपाल के सख्त रुख के बाद भी शिवपाल ने यही कहा कि अमर सिंह ने को मुलायम लेकर आए हैं ऐसे में कोई उनके फैसले को चुनौती नहीं दे सकता. जानबूझ कर उनका नाम घसीटा जा रहा है : अमर सिंह इस बीच अमर सिंह का यही कहना है कि उनकी ताजा गतिविधियों में कोई भूमिका नहीं है. जानबूझ कर उनका नाम घसीटा जा रहा है. अमर सिंह फिलहाल सपा से राज्यसभा में पहुंचे हैं. शिवपाल यादव उनके करीबी माने जाते हैं. जबकि, राम गोपाल और मुख्यमंत्री अखिलेश उनको पसंद नहीं करते हैं.