मॉस्को: राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आईसीसी के संस्थापक विधान से रूस के हस्ताक्षर अलग करने वाले आदेश को मंजूरी दे दी है। रूस का कहना है कि न्यायालय अंतरराष्ट्रीय समुदाय की उम्मीदों पर खरा उतरने में नाकाम रहा है। रूस ने साल 2000 में रोम विधान पर हस्ताक्षर किए थे, जिससे आईसीसी की स्थापना हुई थी। यह दुनिया की पहला स्थायी युद्ध अपराध न्यायालय है। रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि न्यायालय खुद से जुड़े देशों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है। रूस ने कोर्ट के काम को एकतरफा और निष्प्रभावी बताया है। मंत्रालय ने कहा कि इस हालत में कोई अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में विश्वास की बात नहीं कर सकता। क्रेमलिन ने इस फैसले को देशहित में बताया है। रूस की इस घोषणा का दक्षिण अफ्रीका, गांबिया जैसे देशों ने स्वागत किया है। ये देश भी आईसीसी से बाहर हो चुके हैं।