इंडिया न्यूज सेंटर, गोड्डा : गोड्डा जिले के राजमहल परियोजना के ललमटिया में गुरुवार शाम खदान धंसने से वहां काम पर लगाये गये करीब 35 डंपर, चार पे लोडर और करीब 40 कर्मचारी व मजदूर 300 मीटर गहरी खाई में दब गये हैं। इस खदान को इसीएल ने महालक्ष्मी खनन कंपनी को लीज पर दे रखा था। गुरुवार को काम के दौरान ही खदान धंस गयी। गोड्डा के एसपी हरलाल चौहान ने कहा कि इस बारे में इस बारे में इसीएल द्वारा सूचना दी गयी है। घटनास्थल जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर है और वहां 22 किलोमीटर के रेडियस में खनन कार्य होता है।
हमारे गोड्डा संवाददाता ने बताया कि उक्त स्थल पर 1000 से 1500 फीट डीप माइनिंग किया गया था. यह कार्य महालक्ष्मी कंस्ट्रक्शन कर रही है। गुरुवार की रात पौने आठ बजे रात उस स्थल पर खुदाई का पूरा मलबा ढह गया जिससे सपाट मैदान नुमा आकृति बन गयी है। वहां 30 से 35 हाइवा, पेलोडर, वोल्वो व दूसरे वाहन थे, जबकि 35 से 40 मजदूर काम कर रहे थे, जो सब उसके नीचे दब गये। धंसान के कारण बिजली के तार व खंभे भी दब गया। साइट पर पहले से तैनात सीआइएसएफ आरंभिक राहत-बचाव कार्य में लग गयी, जबकि सीआरपीएफ के दल को भी वहां भेजे जाने की बात बतायी जा रही है। घटनास्थल पर एसडीपीओ आर मित्रा पहुंचे हैं, जबकि महगामा, लालमटिया व बोआरीजोर थाने के थाना प्रभारी व पुलिस बल वहां पर कैंप किये हुए हैं।
इस घटना से वहां के कर्मचारियों व मजदूरों में जबरदस्त आक्रोश देखा जा रहा है. हालांकि एक ओवर मैन एम नारायण यादव को जख्मी हालत में वहां से निकाला गया है. उसका इलाज ऊर्जा नगर अस्पताल में किया जा रहा है. पुलिस मौके पर पहुंच चुकी है. देर रात तक खदान से कर्मचारियों व मजदूरों को निकालने का प्रयास जारी था. अभी कितने लोगों की मौत हुई हैं, इसकी पुष्टि नहीं हो पायी है. बता दें कि करीब छह माह पहले इसी खदान में एक ड्रील मशीन डूब गयी थी. अब इस घटना ने सबको झकझोर दिया है. घटना के बाद से वहां के मजदूर खासे आक्रोशित हैं. इस खबर के संदर्भ में और विवरण की प्रतीक्षा है.