(L'Oréal) Group decided to remove the word "Fair" from beauty products, racial discrimination
लॉरियल ग्रुप ने गोरे, सफेद जैसे शब्दों के इस्तेमाल ना करने का फैसला किया..
बिजनेस न्यूज डेस्क: सोशल मीडिया पर नेस्लीय भेदभाव को लेकर एक बहस छिड़ गई है कि ब्यूटी प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियां गोरे और काले रंग में भेद करती है। इस बहस के चलते कई लोगों ने फेयरनेस क्रीम के इस्तेमाल ना करने की अपील की है जिसे देखते हुए ब्यूटी प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियां फेयर शब्द हटाने पर विचार कर रही हैं।
सोशल मीडिया पर नस्लीय भेदभाव को लेकर चल रही बहस पर फ्रांस की कंपनी लॉरियल ग्रुप ने भी एक बड़ा फैसला लिया है। कंपनी ने कहा है कि वह त्वचा के रखरखाव से संबंधित अपने प्रोडक्ट से काले, गोरे और हल्के जैसे शब्दों को हटाएगी। इसस पहले यूनिलीवर ने भी अपनी लोकप्रिय ब्रांड फेयर एंड लवली में से 'फेयर' शब्द हटाने की घोषणा की थी। दरअसल, नस्लीय रूढ़ियों के खिलाफ उठती आवाजों के बीच त्वचा के गोरेपन से संबंधित सौंदर्य प्रसाधान बनाने वाली कंपनियां दबाव में हैं। कंपनियां इसलिए और दबाव में है क्योंकि क्योंकि अमेरिका में शुरू हुआ ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन कई देशों में फैल चुका है।
लॉरियल कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि लॉरियल ग्रुप त्वचा का रंग बदलने वाले प्रोडक्ट्स को लेकर उठ रही आपत्तियों को स्वीकार करती है। इसे लेकर कंपनी त्वचा संबंधी अपने सभी प्रोडक्ट्स में से गोरेपन, श्वेत, सफेद, हल्का आदि शब्दों को हटाने का निर्णय लेती है।