Lok Sabha Speaker Om Birla congratulated the Nath community on the festival of Mahayogi Gorakhnath
ओम बिरला ने E_Meet के माध्यम से देश के विभिन्न प्रदेशों के करीब 150 नाथ संप्रदाय के अनुयायियों को दी शुभकामनाएं
नाथ संप्रदाय के लोगों ने बिडला से गुरु गोरखनाथ बोर्ड के गठन की मांग भी की
इंडिया न्यूज सेंटर,जालंधरः लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने महायोगी गोरखनाथ जी के प्रकटोत्स्व पर्व पर भारत के नाथ सम्प्रदाय को बधाई व शुभकामनाएं दी है। ओम बिरला ने E_Meet के माध्यम से वीडियो कॉन्फ्रेंस करके देश के विभिन्न प्रदेशों के करीब 150 नाथ सम्प्रदाय के अनुयायियों को शुभकामनाएं दी और उनसे गोरखनाथ जी के जीवन व उपयोगिता पर चर्चा की। भारतीय संसद के लोकसभा स्पीकर के सम्मुख डॉ विपिन योगी (डायरेक्टर जननी हॉस्पिटल ), की संयोजकता मे नाथ सम्प्रदाय से जुड़े अनेक विषयों पर देश के कोने कोने मे फैले नाथ संप्रदाय के प्रतिनिधियों ने अपना पक्ष रखा है। गुरु गोरखनाथ की महिमा का बखान किया और बिडला से गुरु गोरखनाथ बोर्ड के गठन की मांग भी की है। जालंधर के अवांतर योगी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस मे बोला की नाथ सम्प्रदाय पुरातन काल से सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करता आ रहा है, कलियुग मे गुरु गोरक्षनाथ जी को सबसे ज्यादा जाग्रत देव माना गया है l तंत्र मंत्र एवं योग के साधको तथा भक्तों का सर्वाधिक ध्यान गोरक्षनाथ उपासना के प्रति आकर्षित होता है l भगवान शिव का अवतार होने के कारण ये असीम शक्ति के स्त्रोत है l गुरु गोरक्षनाथ की उपासना शारीरिक औज, तेज, यश, कांति,विधा, सम्पति, वैभव, सौभाग्य और वाक सिद्धि मे परम सहायक है l इनकी कृपा से प्राणी मात्र के ऐहिक और पारलौकिक सभी कार्य सिद्ध होते है l गुरु गोरक्षनाथ जी के अनुयायी सुदूर देशो तक फैले हुए है उन्होंने सभी सामाजिक बंधुओ को एकजुट रहकर देशहित मे हमेशा समर्पित रहने की अपील की, वीडियो कॉन्फ्रेंस के अंत समय मे आदरणीय लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला जी ने शिव अवतारी गोरक्षनाथ जी का आह्वान करते हुए भारतीय संस्कृति और सभ्यता मे नाथ संप्रदाय को समर्पित रहने की अपील की और आश्वस्त किया की नाथ संप्रदाय की आवश्यकताओ को ध्यान में रखकर भविष्य में उचित निर्णय लेने का प्रयास करेंगे । डॉ. विपिन योगी के इस प्रयास के लिये सभी समाज के गणमान्य व बुजर्गो ने आशीर्वाद देते हुए कहा कि गुरु गोरखनाथ की असीम कृपा से आपके कार्यक्रम व प्रयास निरन्तर सफलता पुर्वक चलते रहे।