इंडिया न्यूज सेंटर,सहारनपुरः वाराणसी में दीपावली से एक दिन पहले भगवान राम की आरती उतारने वाली मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ देवबंद के उलेमाओं ने सख्त नाराज़गी जाहिर की है। उलेमाओं ने आरती उतारने वाली महिलाओं के लिए कहा है कि ऐसा करके वह इस्लाम से खुद ब खुद बाहर हो गई हैं। इसके अलावा गणपति पूजन करने वाले बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान, सलमान खान, नवाजुद्दीन सिद्दिकी आदि फिल्मी दुनिया के लोगों के लिए भी देवबंद के उलेमाओं ने यही फैसला सुनाया है।
पूरी दुनिया के लिए एक है शरीयत
दारूलउलूम जकरिया मदरसे के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती शरीफ खान ने कहा कि इस्लाम में शरीयत पुरी दुनिया के लिये एक ही है। शरीयत के अनुसार अगर वो मुसलमान है तो उसको सिर्फ अल्लाह की इबादत करनी चाहिए। अगर कोई उसको छोड़कर किसी और तरीके से किसी और की पूजा करेंगे या आरती करेंगे तो वो इस्लाम से खारिज हो जायेगा क्योंकि उन्होंने इस्लाम के कानून के खिलाफ काम किया है।
फिल्मों में पूजा गलत नहीं
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होने कहा कि फिल्मों में जो काम किया जाता है वो हकीकत नही है, वो जो है लोगों को खुश करने के लिये है। फिल्मी डायरेक्टर के कहने के कारण वो नकल के तरीके से करते हैं।
गणपति की पूजा करने वाले ईमान से खारिज
उलेमा ने साथ ही साथ ये भी जोड़ा कि यदि किसी मुस्लिम कलाकार ने गणपति की पूजा की है, या फिर अल्लाह के अलावा किसी और की इबादत की है, तो उनके लिये भी वो ही हुक्म है। अगर ऐसा किया गया है तो वो भी इमान से खारिज हो जाएंगे।
विवाद क्यों बढ़ा
बता दें कि 18 अक्टूबर को दीपावली से एक दिन पहले विशाल भारत संस्थान के बैनर तले वाराणसी में मुस्लिम महिलाओं ने भगवान श्री राम की आरती उतारी थी। इसके अलावा महिलाओं ने आरती का सस्वर पाठ भी किया था। तस्वीरें सोशल मीडिया पर आने के बाद मुस्लिम धर्म से जुड़े लोगों ने सख्त एतराज जताया था।
मुस्लिम महिला ने दिया तर्क
इस सम्बन्ध में आरती करने वाली महिला और मुस्लिम महिला फाउंडेशन की अध्यक्ष नाज़नीन अंसारी ने कहा था कि भारत में सभी के पूर्वज प्रभु श्री राम ही हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि मुस्लिम महिलाओं ने ये दुआ मांगी हैं कि अयोध्या में उनका धाम बनें ताकि अगले साल हम सभी हिन्दू-मुस्लिम बहनें मिलकर अयोध्या में जाकर प्रभु की आरती कर सकें।
बम ब्लास्ट के बाद बनाई परंपरा
नाजनीन अंसारी ने बताया था कि वर्ष 2006 को वाराणसी में हुए संकटमोचन मंदिर बम ब्लास्ट के बाद हर साल वो और उनके संस्थान से जुड़ी मुस्लिम महिलाएं भगवान राम की आरती उतारती आ रही हैं।