इंडिया न्यूज सेंटर,चंडीगढ़ः डी.एफ.एस.ओ. कमलदीप सिंह गिल की दुर्भाग्यपूर्ण खुदकुशी पर गहरे दुख व्यक्त करते पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने बताया कि जांच एजेंसी द्वारा दिसंबर 2016 से सरदार राइस मिल, गाँव सद्दोपुर, तहसील मलेरकोटला, जिला संगरूर में से 34,038 धान की बोरियां गुम होने की जांच चल रही है जिस की पुष्टि मौके पर गई विशेष जांच टीम द्वारा पिछले साल 14 दिसंबर को मिल में पड़े भंडार की जांच दौरान की गई थी। इस संबंधी जानकारी देते विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने कहा कि इस चावल मिल की अचानक की गई जांच दौरान अधिकारियों की रिपोर्ट अनुसार करीब 2.55 करोड़ रुपए के धान गायब होने में पनसप के अधिकारी /कर्मचारी और चावल मिल मालिक जिम्मेदार ठहराए गए सहित इस जांच टीम में डी.एफ.एस.सी वी.बी, इंस्पेक्टर वी.बी. /ई.ओ.डबलयू. और पनसप के अधिकारियों समेत डी.एफ.एस.यो. पनसप मुख्य दफतर, डी.एफ.एस.ओ. मलेरकोटला और पनसप के इंस्पेक्टर भी शामिल थे। इस जांच टीम की रिपोर्ट के आधार पर विजिलेंस ब्यूरो की आर्थिक अपराध शाखा (ई.ओ.डब्लयू.) ने जिला खुराक और सप्लाई कंट्रोलर (डी.एफ.एस.सी.) संगरूर मनजीत सिंह को बीते 13 सितम्बर को चण्डीगढ़ स्थित ब्यूरो के दफ्तर में रिकार्ड सहित बुलाया था। इस डी.एफ.एस.सी. ने उस मौके पर कहा कि उक्त शैलर को यह धान की डी.एफ.एस.ओ. कमलदीप सिंह गिल, ए.एफ.एस.ओ हरप्रीत सिंह और फूड सप्लाई विभाग के इंस्पेक्टर गुरिन्दर सिंह राणा की सिफारशों पर अलाट किया गया था। प्रवक्ता ने बताया कि मनजीत सिंह ने ब्यूरो के अधिकारियों को बताया कि वह डी.एफ.एस.ओ. कमलदीप सिंह गिल, ए.एफ.एस.ओ. हरप्रीत सिंह और इंस्पेक्टर खुराक और सिविल सप्लाई गुरिन्दर सिंह राणा को तथ्यों की पड़ताल के लिए विजिलेंस के दफतर में आने के लिए निर्देश दिए। इस उपरांत डी.एफ.एस.ओ. कमलदीप सिंह गिल, ए.एफ.एस.ओ. हरप्रीत सिंह और गुरिन्दर सिंह राणा इंस्पेक्टर खुराक और सिविल सप्लाई की तरफ से विजिलेंस ब्यूरो के दफतर में पहुँच कर अपने बयान दर्ज करवाए थे। धान की छंटाई में हुए घोटाले का विवरण देते अपने बयानों में डी.एफ.एस.ओ. कमलदीप सिंह गिल ने कहा कि 8 अक्तूबर, 2016 को सरदार चावल मिल के मालिक दर्शन सिंह और अन्यों की तरफ से एक डीड द्वारा शैलर की मलकीयत खन्ना निवासी हरजीत सिंह के नाम पर तबदील की गई और उपरोक्त पनसप के उच्चाधिकारियो द्वारा ही सिफारिश की गई कि धान के सीजन दौरान इस मिल में 2.0 मीट्रिक टन धान की अलाट किया जाये जबकि इसकी मिल की समर्था सिर्फ 1.5 मीट्रिक टन ही थी। प्रवक्ता ने कहा कि धान के गबन की चल रही इस जांच दौरान डी.एफ.एस.ओ. गिल ने अपने खुदकुशी नोट में चार व्यक्तियों हरजीत सिंह, हैपी शर्मा, मनजीत सिंह और सुरिन्दरपाल को ही जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि डी.एफ.एस.ओ. गिल ने इस नोट में यह भी जिक्र कि या है कि उसने इस घोटाले के लिए विजिलेंस ब्यूरो द्वारा जांच करवाने पर बुरा महसूस किया है परन्तु उसने डी.एफ.एस.सी मनजीत सिंह के सुझाव पर की गलती के लिए उक्त चारों व्यक्तियों को भी जिम्मेदार ठहराया है। मृतक गिल ने अपने साथियों के साथ ब्यूरो को अपने रिकार्ड करवाए बयान में डी.एफ.एस.सी. और शैलर मालिक हरजीत सिंह के दबाव का भी जिक्र किया है और कहा है कि डी.एफ.एस.सी. की तरफ से चण्डीगढ़ मुख्यालय को धान की अलाटमैंट के लिए गलत तरीकें से सिफारिश की थी। प्रवक्ता ने विजिलेंस ब्यूरो द्वारा डी.एफ.एस.ओ. गिल के बिछुडऩे मेंं शोकग्रस्त परिवार के साथ इस न पूरे होने वाली क्षति के लिए गहरी हमदर्दी व्यक्त करते कहा कि ब्यूरो की तरफ से इस घपले की सम्पूर्ण जांच पूरी तरह निष्पक्ष तौर पर की जायेगी।