Research should identify problem first & narrow down to domain: VC IKGPTU
IKGPTU organized Two Days National workshop on "Academic Writing & Research Productivity"
Vice Chancellor Prof. (Dr.) Ajay K. Sharma encouraged the participants to publish their research work in quality research journals
125 research scholars attended workshop & explored their ideas on research strategies
• आई.के.जी पी.टी.यू में "अकादमिक लेखन एवं शोध उत्पादकता" पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन
• कुलपति प्रो. (डॉ.) अजय कुमार शर्मा ने प्रतिभागियों को बेहतर शोध पत्रिकाओं में अपने शोध कार्य को प्रकाशित करवाने के लिए प्रोत्साहित किया
• 125 रिसर्च स्कॉलर्स ने कार्यशाला में भाग लिया एवं शोध रणनीतियों पर अपने विचारों रखे
इंडिया न्यूज सेंटर,जालंधर/कपूरथलाः किसी भी शोध कार्य की बेहतर शुरुआत के लिए जरूरी है कि शोध में समस्या को पहले पहचाना जाए, ताकि शोध का दायरा जरूरत के मुताबिक रखा जा सके। कई बार दायरा बेवजह बढ़ने से भी शोध मुश्किल हो जाती है एवं परिणाम भी प्रभावित होते हैं। शोधकर्मियों को यह सलाह प्रो.(डा.) अजय कुमार शर्मा, कुलपति आई.के.गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी की तरफ से दी गई है। वे यूनिवर्सिटी में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। वर्कशॉप का विषय "अकादमिक लेखन एवं शोध उत्पादकता" रहा। कुलपति ने समस्या की पहचान एवं डोमेन के संकीर्ण (छोटा) करने पर बात रखी। यह वर्कशॉप यूनिवर्सिटी के नॉलेज रिसोर्स सेंटर द्वारा आयोजित की गई। कुलपति प्रो.(डा.) शर्मा ने प्रतिभागियों को प्रोत्साहित किया कि वे अपने शोध कार्यों को अच्छी गुणवत्ता वाली शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित करें, न कि अधिक खर्चीली शोध पत्रिकाओं में। उन्होंने इस राष्ट्रीय स्तर की वर्कशॉप के लिए एक महत्वपूर्ण विषय चुनने एवं प्रतिभागियों का मार्गदर्शन करने के लिए विशेषज्ञों की अच्छी टीम को आमंत्रित करने के लिए नॉलेज रिसोर्स सेंटर की टीम के प्रयासों की सराहना की। वर्कशॉप में कुल 125 रिसर्च स्कॉलर्स ने भाग लिया एवं अनुसंधान रणनीतियों पर अपने विचारों का पता लगाया। वर्कशॉप में डॉ. बी.सूत्रधार, नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी, आई.आई.टी खड़गपुर, डॉ. अजय पी. सिंह, प्रोफेसर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय पहले दिन के रिसोर्स पर्सन रहे, जबकि टाइपसेट सॉफ्टवेयर, अमेरिकन केमिकल सोसाइटी, स्प्रिंगर नेचर ब्रांड से विभिन्न प्रवक्ता एवं साइंटिस्ट डी (सीएस) अशोक राय के दूसरे दिन के रिसोर्स पर्सन रहे। यूनिवर्सिटी की डिप्टी लाइब्रेरियन मधु मिड्डा ने यूनिवर्सिटी के नॉलेज रिसोर्स सेंटर में उपलब्ध संसाधनों के बारे में जानकारी सांझी की। अपने संबोधन में डीन आर.आई.सी डॉ.ए.पी.सिंह ने बताया कि वर्ष 2013 में यूनिवर्सिटी को पीएचडी दौरान शोध कार्यों में बेहतर काम करने के लिए सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय का सम्मान भी मिल चुका है। उन्होनें कहा कि वर्तमान में युवाओं का रिसर्च के प्रति झुकाव कम होता जा रहा है, जबकि नवीन संसाधनों ने इसे और भी सुलभ एवं गुणवत्ता भरपूर बना दिया है। डीन डा. सिंह ने सभी उपस्थितजनो को अधिक से अधिक शोध क्षेत्र में काम करने को प्रेरित किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय शोध के क्षेत्र में लोगों की अपेक्षा को पूरा करने के लिए वचनवद्ध है। अकादमिक निदेशक डॉ. बलकार सिंह ने सभी प्रतिभागियों को विश्वविद्यालय के एफिलिएटेड कॉलेजों द्वारा किए जा रहे शोध कार्यों के बारे में जानकारी दी। डिप्टी लाइब्रेरियन मधु मिड्डा ने वर्कशॉप कोआर्डिनेटर के तौर पर कहा कि शोध एवं शोधकर्ताओं के कौशल को बेहतर बनाना, बढ़ाना ही वर्कशॉप का उदेश्य था। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. एस.एस. वालिया, संयुक्त रजिस्ट्रार डॉ. आर.पी.एस. बेदी, डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ. एकओंकार सिंह जौहल भी वर्कशॉप के विभिन्न सत्रों में शामिल हुए।