इंडिया न्यूज सेंटर,अयोध्याः धर्मनगरी में राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद को समझौते के तहत सुलझाने के लिए आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर पहुंचे। श्री श्री रविशंकर के अयोध्या आने से पहले ही अयोध्या में संतों ने नाराजगी जाहिर की है। रामजन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य महंत राम विलास दास वेदांती ने तो यहां तक कह दिया कि मंदिर आंदोलन में लाठी डंडे हमने खाये तो मंदिर बनाने वाले श्री श्री कौन होते हैं। अयोध्या में पहुचने से पहले ही श्री श्री रविशंकर को अयोध्या में संतों के विरोध का आभास हो गया था। इसीलिए जब वो अयोध्या पहुंचे तो हनुमानगढ़ी के दर्शन से पहले ही उन्होंने राम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के आश्रम पहुंचकर मुलाकात की और विरोध के उठ रहे स्वर को दबाने की कोशिश की। जिसके बाद श्री श्री ने अपने सुलह की कोशिशों पर काम शुरू किया।
रामजन्मभूमि न्यास अध्यक्ष से बंद कमरे में कई मुलाकात :
श्रीश्री रविशंकर ने दीन बंधु नेत्र चिकित्सालय में बंद कमरे में राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास से बात की। करीब 15 मिनट तक चली बातचीत के बाद कमरे से बाहर निकले आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने कहा कि यह विवाद सदियों से इस देश में चला आ रहा है। लेकिन इस का हल निकल सकता है। भले ही 3 से 6 महीने का समय लग जाए। लेकिन आपसी बातचीत के जरिए इस विवाद को खत्म करने की हमारी कोशिश जारी रहेगी।उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि हम इस बात का हल लिकाल ले जाएंगे।
राम लला और हनुमान गढ़ी के किये दर्शन :
अपने अयोध्या कार्यक्रम के तहत आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने महंत नृत्य गोपाल दास से मुलाकात करने के बाद राम लला के दर्शन किये, जिसके बाद वो हनुमान गढ़ी पहुंचे और वहां भी दर्शन किया। जिसके बाद तोताद्री मठ में अपने कुछ लोगों से मुलाकात की और थोड़ी देर विश्राम किया और फिर सुलह की पहल पर काम करते हुए शाम 4 बजे निर्मोही अखाड़ा पहुंचे और निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेन्द्र दास से बंद कमरे में 15 मिनट मुलाकात की।
श्री श्री रविशंकर नहीं लेकर आये थे कोई फार्मूला :
उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में ये कहकर सबको हैरत में डाल दिया कि 'उनके पास कोई फार्मूला नहीं है।' उन्होंने कहा कि 'अगर इस मसले पर वो अपनी राय रखेंगे तो मध्यस्तता नहीं करा पाएंगे। उन्होंने कहा कि वो सिर्फ उन लोगों से बात करने आए हैं कि मसला बातचीत से हल किया जाए'। उनका कहना था कि 'सभी पक्ष अपनी राय रखें और उपयुक्त फार्मूला निकालें, जिससे मसला हल हो।' उन्होंने कहा कि 'अगर ये मसला कोर्ट से हल होगा तो कभी भे फिर से विवाद उठ सकता है, क्योंकि किसी एक पक्ष को तकलीफ होगी, लेकिन बातचीत से हल निकालने से सब कुछ बेहतर रहेगा।'
श्री श्री रविशंकर ने मुस्लिम पक्षकारो से की मुलाकात :
इसके बाद श्री श्री रविशंकर ने बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी और हाजी महबूब से उनके आवास जाकर मुलाकात की। यहां भी श्री श्री ने कोई फार्मूला नहीं दिया। मुलाकात के बाद इक़बाल अंसारी और हाजी महबूब दोनों ने कहा कि 'ये मसला केवल अदालत से ही सुलझ सकता है। लेकिन अगर कोई पहल कर रहा है तो उसका स्वागत है। दोनों का कहना है कि श्री श्री केवल उनसे मुलाकात करके और हाल चाल जान कर चले गए। विवाद के समझौते पर कोई बात नहीं की।'