इंडिया न्यूज सेंटर, नई दिल्ली: अब 1 जनवरी से जारी होने वाले सभी पैन कार्ड में ज्यादा सिक्युरिटी फिचर्स होंगे, जिससे इसमें दी गई जानकारी के साथ कोई छेड़छाड़ न कर पाएं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से दो कंपनियां एनएसडीएल और यूटीआईआईटीएसएल लोगों को पैन कार्ड जारी करती हैं। केंद्र सरकार ने पैन कार्ड के डिजाइन में काफी बदलाव कर दिए हैं। नए जारी होने वाले पैन कार्ड में जो सबसे बड़ा बदलाव किया है, उसमें आधार कार्ड की तरह क्यूआर कोड होगा। इससे कार्ड को स्कैन करते ही कार्ड होल्डर की सारी डिटेल सामने आ जाएगी। इससे वेरिफिकेशन प्रोसेस आसान हो जाएगा। अगर किसी व्यक्ति के पास पहले पैन कार्ड है और वो नया वाला पैन लेना चाहता है, तो वो 107 रुपये की फीस भरकर आवेदन कर सकता है।
पहले के पैन कार्ड में नाम, पिता का नाम और जन्म की तारीख केवल अंग्रेजी भाषा में होता था। इससे हिंदी भाषी लोगों को पढऩे और समझने में दिक्कत आती थी। लेकिन अब नए पैन कार्ड में यह सारी जानकारी हिंदी में भी होगी। इस जानकारी में केवल हेडर दोनों भाषाओं में होगा, लेकिन बाकी जानकारी केवल अंग्रेजी में होगी। ऐसा केंद्र सरकार की राजभाषा पॉलिसी को ध्यान में रखकर किया गया है। पहले के पैन कार्ड में पैन नंबर बाएं साइड पर होता था, लेकिन अब यह बीच में होगा। सीधे हाथ पर भारत सरकार लिखा होगा और उसके नीचे फोटो व हस्ताक्षर करने की जगह होगी।
सरकार ने यह कदम जाली पैन कार्ड को रोकने के लिए उठाया है। नए सिक्युरिटी फीचर्स की वजह से ऐसा करना मुमकिन होगा। इस वक्त देश की 130 करोड़ आबादी है लेकिन केवल 25 करोड़ लोगों के पास ही पैन कार्ड है। बैंक में अकाउंट खुलवाने से लेकर अन्य जरूरी वित्तीय कार्य जैसे की लोन, क्रेडिट कार्ड और कई सारी सरकारी योजनाओं के लिए पैन कार्ड होना बाध्यकारी है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अनुसार हर साल केवल 2.5 करोड़ लोग पैन कार्ड के लिए आवेदन करते हैं, जिनमें नए और पुराने कार्ड होल्डर भी शामिल हैं। 2 लाख रुपये से ऊपर के ट्रांजैक्शन पर पैन कार्ड जरूरी है।