इंडिया न्यूज सेंटर, नई दिल्ली: एक जुलाई से पूरे देश में सिंगल टैक्स सिस्टम के लिए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) लागू करने की कवायद जोर शोर से चल रही है। देश की अर्थव्यवस्था में इसे आजादी के बाद का सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म माना जा रहा है लेकिन इस रिफॉर्म के बीच केन्द्र सरकार के लाखों कर्मचारियों को अलग चिंता सता रही है। पहले नोटबंदी ने उन्हें सातवें वेतन आयोग से बढ़ा हुआ भत्ता नहीं लेने दिया क्योंकि केन्द्र सरकार आर्थिक चुनौतियों के चलते कर्मचारियों के भत्ते पर कोई फैसला नहीं ले सकी। अब केन्द्रीय कर्मचारियों को डर है कि कहीं एक बार फिर केन्द्र सरकार देश के सबसे बड़े आर्थिक सुधार कार्यक्रम के चलते उनके भत्ते पर अपने फैसले को और न टाल दे। गौरतलब है कि बुधवार को केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक होनी है। वहीं बीते हफ्ते वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने कर्मचारियों के भत्ते का मामला रखा था लेकिन दोनों नेताओं की विदेश यात्रा के चलते इस पर कोई फैसला नहीं हो सकता था। केन्द्र सरकार में सूत्रों का दावा है कि बुधवार की कैबिनेट बैठक में यह मामला उठाया जा सकता है और इस पर कोई अंतिम फैसला लिया जा सकता है। हालांकि कयास यह भी लगाया जा रहा है कि बुधवार की कैबिनेट में १ जुलाई से जीएसटी लॉन्च करना सबसे अहम मुद्दा रहेगा और ऐसे में मामले को कुछ और दिनों के लिए टाला जा सकता है।