` साफ पानी तक नहीं, मिला नोटिस

साफ पानी तक नहीं, मिला नोटिस

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इंडिया न्यूज़ सेंटर, लखनऊ । एनजीटी ने आज उत्तर प्रदेश सरकार और जल निगम को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए सवाल किया कि राज्य के पश्चिमी हिस्से के छह जिलों में स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने में नाकाम रहने के लिए क्यों नहीं उन पर जुर्माना लगाया जाए। हरित अधिकरण ने कहा कि मुजफ्फरनगर, शामली, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद और सहारनपुर जिलों के गांवों में राज्य सरकार की निष्कि्रयता के कारण लोग प्रदूषित पानी पीने के लिए बाध्य हैं। इसके साथ ही एनजीटी ने जिला मजिस्ट्रेटों और उत्तर प्रदेश जल निगम के मुख्य इंजीनियर को समन जारी किया। एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने सात सितंबर को अगली सुनवाई के दिन जल निगम के अधिकारियों और जिला मजिस्ट्रेट सहित संबंधित अधिकारियों को मौजूद रहने के लिए कहा। अखिलेश यादव सरकार को भी यह जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है कि प्रदूषित भूमिगत जल को स्वीकार्य सीमा तक लाने के लिए उसने क्या कदम उठाए हैं जिससे पानी पेयजल के रूप में इस्तेमाल किया जा सके। अधिकरण ने इसके पहले प्रदेश में स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने में नाकामी के लिए राज्य सरकार की आलोचना की थी और इस मुद्दे पर विचार के लिए एक समिति गठित की थी। अधिकरण वैग्यानिक सी वी सिंह की एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था। याचिका में दावा किया गया है कि किसानों और गरीब ग्रामीणों के स्वास्थ्य के लिए खतरा है क्योंकि वे इन छह जिलों में अति प्रदूषित भूमिगत पानी पीने के लिए बाध्य हैं।
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Source: India News Centre

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