Education department has set new standards in online education under the guidance of Vijay Inder Singla
More than 25 lakh students are taking advantage of online education
25 लाख से अधिक विद्यार्थी ले रहे हैं ऑनलाइन शिक्षा का फायदा
इंडिया न्यूज सेंटर,चंडीगढ़ः पंजाब के स्कूल शिक्षा विभाग ने कोरोना-19 की महामारी के दौरान न केवल विद्यार्थियों की सुरक्षा को यकीनी बनाया है, बल्कि इस मुश्किल दौर के दौरान उनकी पढ़ाई को जारी रखने के लिए भी नये मापदंड स्थापित किये हैं। शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला के नेतृत्व में स्कूल शिक्षा विभाग ने कोरोना महामारी के दौरान विद्यार्थियों की सुरक्षा के मद्देनजर पहली बार ऑनलाइन दाखिले और ऑनलाइन शिक्षा की प्रक्रिया शुरू की क्योंकि इन हालतों में एक दूसरे से दूरी बनाए रखने के मद्देनजर स्कूल खोलना अभी भी संभव नहीं हैं। इस कारण पंजाब भर के 19000 से अधिक स्कूलों के विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जा रही है। पूर्व-प्राथमिक के अलावा प्राथमिक स्कूलों के 9 लाख से अधिक विद्यार्थियों और 6वीं से लेकर 12वीं तक के 14 लाख से अधिक विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है। इसके नतीजे के तौर पर इस साल सरकारी स्कूलों में डेढ़ लाख के करीब दाखिलों में विस्तार हुआ है। इस पढ़ाई की अहम बात यह है कि दूरदर्शन पर दिए जा रहे लैक्चरों का प्राईवेट स्कूलों के विद्यार्थी भी फायदा उठा रहे हैं।
शिक्षा मंत्री के मार्गदर्शन में शिक्षा शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार ने इस नई पहलकदमी को निचले स्तर पर लागू करके न केवल ऑनलाइन पढ़ाई की प्रक्रिया का काम शुरू किया बल्कि प्राईवेट स्कूलों के मुकाबले इस क्षेत्र में पहल करके अच्छे नतीजे भी लाए। इसके परिणामस्वरूप राज्य के सरकारी स्कूलों में सैशन 2019-2020 के मुकाबले, सैशन 2020-2021 में तकरीबन डेढ़ लाख से ज्यादा दाखिले हुए। इसके साथ ही शिक्षा विभाग ने किताबें और वर्दियाँ मुफ्त बाँटने के काम को भी सभ्यक ढंग से पूर्ण किया है।
शिक्षा विभाग का यह कार्य सिर्फ ऑनलाइन पढ़ाई तक ही सीमित नहीं रहा बल्कि सरकारी स्कूलों ने 6वीं से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के जुलाई की पहली टर्म के पेपर ऑनलाइन लेकर एक नया मील का पत्थर भी स्थापित किया। शिक्षा विभाग द्वारा हर विषय का 20 अंक का पेपर लिया गया है। विद्यार्थियों द्वारा ऑनलाइन टैस्ट में काफी रुचि दिखाई गई और अध्यापकों ने ऑनलाइन पेपर लेने कर विद्यार्थियों के ऑनलाइन नंबर भी लगा दिए। सोशल मीडीया के द्वारा हल किये गए पेपरों की चैकिंग भी अध्यापकों द्वारा मोबाइल फोन पर अलग-अलग ऐप डाउनलोड करके की गई। शिक्षा विभाग, अध्यापकों और विद्यार्थियों के इस पहले अनुभव ने शिक्षा के क्षेत्र में नई संभावनाएं पैदा की हैं।