-यह कमेटी करीब 240 मामलों में एसआईटी की क्लोजर रिपोर्ट की करेगी जांच
इंडिया न्यूज सेंटर, दिल्ली।
कानुपर समेत देश के कई शहरों में भड़के 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े करीब 240 मामलों में विशेष जांच दल (एसआईटी) के क्लोजर रिपोर्ट की जांच करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दो पूर्व जजों की एक निगरानी कमेटी बनाई है। तीन महीने में कमेटी को रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। साथ ही पीठ ने कानपुर में हुए सिख विरोधी दंगों को लेकर दायर याचिका की प्रति उत्तर प्रदेश सरकार के वकील तक पहुंचाने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के दो पूर्व जजों की एक निगरानी कमेटी गठित करने का फैसला दिया है। यह कमेटी करीब 240 मामलों में एसआईटी की क्लोजर रिपोर्ट की जांच-पड़ताल करेगी और यह बताएगी कि इन सभी मामलों में दायर क्लोजर रिपोर्ट का निर्णय सही है या नहीं? तीन महीने में पैनल को रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है। सुनवाई के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि 1984 के सिख विरोधी दंगों को लेकर 199 मामलों में तो पहले ही क्लोजर रिपोर्ट दायर की जा चुकी है। 42 अन्य मामलों को बंद करने का निर्णय लिया गया है। आठ मामलों में चार्जशीट दायर की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि फिलहाल पांच मामलों की जांच एसआईटी कर रही है। पीठ इस मसले पर अब 28 नवंबर को सुनवाई करेगी।
कानपुर के दंगों पर खास निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने कानपुर में हुए सिख विरोधी दंगों को लेकर दायर याचिका की प्रति यूपी सरकार के वकील तक पहुंचाने के लिए कहा है। इस मामले में 22 सितंबर को सुनवाई होगी। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को भी मुख्य याचिकाओं के साथ जोड़ दिया था। याचिका में कहा गया कि 1984 में कानपुर में हुए सिख विरोधी दंगों में 127 लोग मारे गए थे। राज्य में दंगों से संबंधित 2800 मुकदमे दर्ज किए गए थे, जिनमें से अधिकतर मामले सबूतों केअभाव में बंद कर दिए गए।