-प्रेग्नैंसी के तीन माह बीतने के बाद चैक कराने वाली महिलाओं को नहीं मिलेगी प्रैग्नैंसी एड
इंडिया न्यूज सेंटर, चंडीगढ़।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार मंत्रालय ने चंडीगढ़ प्रशासन के स्वास्थ्य विभाग को भेजी गाइडलाइंस में साफ कर दिया है कि प्रैग्नैंसी एड के 6000 रुपये सिर्फ पहले एक बच्चे के जन्म पर मां को दिए जाएंगे। दूसरे बच्चे को जन्म देने वाली मां को प्रैग्नैंसी एड नहीं दी जाएगी।
दूसरी गाइडलाइन में साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया है कि इस एड की हकदार सिर्फ वो गर्भस्थ महिला होगी जिसने प्रैग्नैंसी की रजिस्ट्रेशन शुरुआत में ही करवा ली होगी। प्रैग्नैंसी के तीन महीने बीत जाने के बाद अस्पताल में चैक कराने वाली महिलाओं को प्रैग्नैंसी एड नहीं दी जाएगी। तीसरी गाइडलाइन कहती है कि जो गर्भवत्ती किसी अन्य स्थान(कार्यालय)से एड ले रही होगी, वह गर्भवत्ती महिला भी एड नहीं ले सकेगी।
सूत्रों की मानें तो चंडीगढ़ के जिला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को प्रैग्नैंसी एड के लिए केंद्र सरकार ने 90 लाख 41 हजार रुपये देना मंजूर कर लिया है। यह धनराशि जुलाई महीने में चंडीगढ़ पहुंच जाएगी। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 दिसंबर 2016 को गर्भवत्ती महिलाओं और उनके गर्भ में पलने वाले बच्चे के स्वास्थ्य एवं पोषण को ध्यान में रखते हुए प्रैग्नैंसी एड में 6000 रुपये देने का वादा किया था। हालांकि घोषणा से पहले वर्ष 2010 में 53 जिलों में पायलट बेसिज पर गर्भवत्ती महिलाओं को फाइनेंशियल एड में 4000 रुपये बतौर इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना के अंतर्गत देना शुरु कर दिया था। यह सहायता पहले दो बच्चों के जन्म पर देना शुरु किया गया था परंतु पहली जनवरी 2017 से 650 जिलों की गर्भवत्ती महिलाओं को प्रैग्नैंसी एड देने के निर्देश जारी कर दिए गए। सोशल वेलफेयर डिपार्टमैंट और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को गर्भवत्ती महिलाओं को एड देने की जिम्मेदारी सौंपी गई। परंतु यह एड किस आधार पर देना है इसको लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को गाइडलाइंस अब जारी कर दी गई हैं।