FARMER EVINCES INTEREST IN SUPERSEEDER MACHINES THIS YEAR
580 FARMERS TO GET SUPERSEEDER MACHINE, LAST YEAR ONLY 31 GOT THIS MACHINE ON SUBSIDY.
पिछले साल सिर्फ 31 किसानों ने प्राप्त की थीं सुपरसीडर मशीनें, मशीन पराली को खेतों में जोतने और गेहूं की बिजाई का काम एक साथ करती है
इंडिया न्यूज सेंटर,जालंधरः पराली जलाने के खिलाफ खेतीबाड़ी व किसान कल्याण विभाग की तरफ से चलाई जा रही जागरूकता मुहिम की बदौलत इस साल सुपरसीडर मशीन को लेकर किसानों का रुझान बढ़ गया है, जिसकी बदौलत 580 किसानों ने इस बार सुपरसीडर मशीन के लिए आवेदन दाखिल किया है। जबकि पिछले साल सिर्फ 31 किसानों ने ही इस मशीन के लिए आवेदन दाखिल किया था।
विस्तृत जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने बताया कि सुपर सीडर मशीन की बदलौत धान की कटाई के बाद पराली को खेत में ही जोत दिया जाता है।
उन्होंने बताया कि यह मशीन गेहूं की बिजाई और पराली को खेत में जोतने का काम एक साथ करती है लेकिन इसके इस्तेमाल के लिए हमें पहले सुपर एसएमएस वाली कंबाईनों से खेतों में फसल की कटाई करनी होगी। बगैर सुपर एसएमएस कंबाईन का इस्तेमाल किए सुपरसीडर मशीन का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
उन्होंने बताया कि पराली प्रबंधन के मद्देनजर यह मशीन लांच की गई है जोकि 55 हॉर्स पावर या अधिक क्षमता वाले ट्रैक्टर का इस्तेमाल करके चलाई जा सकती है। एक बार सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट कंबाइन (सुपर एसएमएस) के जरिए कटाई के बाद सुपरसीडर मशीन का इस्तेमाल करने पर गेहूं की बिजाई और पराली को खेतों में जोतने का काम एक साथ किया जाता है। इसके लिए अलग से मलचर और आरएमबी मशीन का इस्तेमाल करने की कोई जरूरत नहीं।
उन्होंने बताया कि यह मशीन रोजाना 6 से 8 एकड़ रकबे में बिजाई का काम कर सकती है। मशीन की कीमत सिर्फ दो लाख रुपए है, जिस पर विभाग की तरफ से किसान को 50 फीसदी व किसानों के समूह को 80 फीसदी तक सब्सिडी दी जाती है। डिप्टी कमिश्नर ने किसानों को बेहतर पराली प्रबंधन के लिए इस मशीन का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने की अपील की है।
इस बीच खेतीबाड़ी व किसान कल्याण विभाग की तरफ से शनिवार को नकोदर, नूरमहल, शाहकोट व लोहियां ब्लॉक में कंबाईन ऑपरेटर्स के साथ बैठकें की गई, जिसमें एसडीएम गौतम जैन, मुख्त खेतीबाड़ी अधिकारी डॉ. सुरिंदर सिंह, असिस्टेंट खेतीबाड़ी इंजीनियर नवदीप सिंह, खेतीबाड़ी अधिकारी डॉ. नरेश गुलाटी ने कंबाइन ऑपरेटर्स को सुपर एसएमएस वाली कंबाईनों का ही इस्तेमाल करने की अपील की, साथ ही पराली जलाने से पर्यावरण व लोगों की सेहत पर होने वाले कुप्रभावों के बारे में भी जागरूक किया।
अधिकारियों ने बताया कि अगर कोई भी व्यक्ति बगैर सुपर एसएमएस सिस्टम के कंबाईन का इस्तेमाल करता हुआ पाया गया तो उसे 50,000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। अगर दोबारा इस तरह की लापरवाही पाई गई तो 75 हजार रुपए और फिर एक लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। उन्होंने कंबाईन ऑपरेटर्स को सतर्क रहने और प्रशासन का सहयोग करने की अपील की है।
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