इंडिया न्यूज सेंटर,नई दिल्लीः विवादों में चल रही फिल्म पद्मावत को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि फिल्म सभी राज्यों में रिलीज होगी। इससे पहले फिल्म के निर्माता कई राज्यों में बैन की शिकायत लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। कोर्ट ने राजस्थान, हरियाणा, गुजरात और मध्य प्रदेश के उस ऑर्डर पर स्टे लगा दिया है। जिसके आधार पर फिल्म पर बैन लगा दिया गया था। कोर्ट ने निर्देश दिए है कि फिल्म की रिलीजिंग के दौरान ये राज्यों की जिम्मेदारी है कि वे कानून व्यवस्था को संभालें। कोर्ट के फैसले पर बीजेपी की पूर्व नेता सूरज पाल अम्मू ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने लाखों-करोड़ों लोगों, लाखों-करोड़ों हिन्दुओं की भावनाओं को आहत किया है। लोग सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं, लेकिन ये फैसला उनके खिलाफ है। करणी सेना किसी कीमत पर फिल्म को रिलीज नहीं होने देगी। हमारा संघर्ष जारी रहेगी, चाहे मुझे फांसी लगा दो।
करणी सेना ने भी जताया विरोध
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर फिल्म का लगातार विरोध कर रही करणी सेना ने भी नाराजगी जताई। करणी सेना ने विरोध की तैयारी कर ली है। करणी सेना का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने हमारी भावनाओं का ध्यान नहीं रखा है। अब हम खुद इस फिल्म के खिलाफ जनहित याचिका दायर करेंगे। फिल्म का विरोध पूरे देशभर में जारी रहेगा। दरअसल, देशभर में विरोध के चलते ये फिल्म लंबे समय से विवादों में है और इसी के चलते देश के चार राज्यों ने इसकी रिलीजिंग पर बैन लगा दिया था। बुधवार को निर्माता की ओर से न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष इस मामले का उल्लेख करते हुए याचिका पर जल्द सुनवाई की गुहार लगाई गई थी। याचिका में कहा गया था कि सेंसर बोर्ड के सुझाव पर न केवल फिल्म का नाम ‘पद्मावती’ से बदलकर ‘पद्मावत’ कर दिया बल्कि फिल्म से कई दृश्य भी निकाल दिए गए। याचिका में फिल्मों को पाबंदी लगाने के राज्य सरकार के अधिकार पर सवाल उठाया गया है। जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विधि-व्यवस्था को देखते हुए राज्य के किसी हिस्से में फिल्म के प्रदर्शन को निलंबित किया जा सकता है। ऐसे में सरकार पूरे राज्य में फिल्म पर प्रतिबंध कैसे लगाया जा सकता है।