इंडिया न्यूज सेंटर,नई दिल्लीः रोहिंग्या मुसलमानों पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामे के जरिए अपना पक्ष रखा है। केंद्र ने कहा कि करीब 40 हजार रोहिंग्याओं ने भारत में घुसपैठ की है, जिन्हें संवैधानिक दर्जा नहीं दिया जा सकता। केंद्र ने यह भी कहा कि रोहिंग्या शर्रार्थियों का भारत में रहना गैर कानूनी है। केंद्र सरकार को आंशका है कि इनमें से कुछ लोग आतंकवादी संगठनों के संपर्क में भी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार ने सर्वोच्च अदालत में बताया कि कई रोहिंग्या मुसलमान पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी और आतंकवादियों के लिंक में हैं और ये देश के लिए एक बड़ा खतरा बन सकते हैं। केंद्र ने करीब 16 पन्नों का हलफनामा कोर्ट के सामने पेश किया है। कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 3 अक्तूबर की तारीख तय की है। वहीं केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ही निर्णय लेगा और फिलहाल कोर्ट के फैसले का इंतजार किया जाना चाहिए। केंद्र सरकार का यह बयान सुरक्षा एजेंसियों की उस चेतावनी के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत-म्यांमार बॉर्डर पर पेशेवर तस्करों की मदद से रोहिंग्या मुसलमान समुद्र के रास्ते देश में घुसपैठ कर सकते हैं।