COULDN’T HAVE TAKEN ANY OTHER STAND IN SC, SAYS CAPT AMARINDER, BUT HOPES JUDGE WOULD CONSIDER SIDHU’S TRACK RECORD
CLARIFIES ON SO-CALLED PPCC CHIEF’S WALK-OUT INCIDENT, SAYS HE’S ALWAYS SUPPORTED JAKHAR
BLAMES PERSONALITY CLASHES FOR SURESH KUMAR CASE & POLICE DISSENSION
जजों द्वारा सिद्धू के समाज और देश के प्रति योगदान को विचारने की उम्मीद व्यक्त की
पंजाब कांग्रेस के प्रधान के वॉक आउट करने की कथित घटना संबंधी स्पष्टीकरण, मैंने हमेशा जाखड़ का समर्थन किया:मुख्यमंत्री
सुरेश कुमार के मामले और पुलिस में विरोधी सूरों को शख्सियतों का टकराव बताया
इंडिया न्यूज सचंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू के केस में सरकार के स्टैंड की पैरवी करते हुये कहा कि इस संबंधी सरकार के पास सिर्फ एक कानूनी विकल्प ही मौजूद था। पर उन्होंने आशा व्यक्त की कि समाज और देश के लिए स. सिद्धू के योगदान को देखते हुये जज अपना अंतिम फैसला लेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान पहले सरकार द्वारा लिये गये स्टैंड के मद्देनजर ही सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में कोई अन्य अलग स्टैंड नही लिया जा सका। उन्होंने कहा कि स. सिद्धू अदालत में सहानुभूति का अधिकार है। उन्होंने कहा कि यदि हम ऐसा कर लेते तो हम पर दोष लगने थे कि अब झूठ मारा गया या पहले। उन्होंने कहा कि वह न्यायायिक मामलों में राजनीति करने में विश्वास नही रखते। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह स. सिद्धू को बचपन से जानते हैं। वह लोगों की आवश्यकता पडऩे पर अपेक्षा से अधिक सहायता करते हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंत्री को नापसंद करने के दोषों को नकार दिया है। उन्होंने कहा कि वह किसी भी पार्टी नेता से नाराज नही हैं जैसे कि मीडिया के हिस्से द्वारा पेश किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने स. सिद्धू और पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ की हमेशा ही निजी तौर पर हिमायत की है। दो दिन पहले श्री जाखड़ द्वारा मुख्यमंत्री को मिले बिना ही चले जाने की घटना के संबंध में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब कांग्रेस प्रधान का उनको मिलने का तय प्रौग्राम था और इस दौरान एक अनिश्चित मीटिंग आ गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे उनके मुख्य सचिव सुरेश कुमार ने जाखड़ को कमरे में जाने के लिए कहा जहां मीटिंग की जानी थी परंतु जाखड़ ने प्रतीक्षा ना करके जाने का फैसला लिया। शायद उन्हें कोई और काम था। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने हमेशा ही स. जाखड़ का केस पार्टी में नेतृत्व के लिये पेश किया। यहां तक कि गुरदासपुर उपचुनाव के लिये उनका केस प्रस्तुत किया था। फ़ेसबुक और यू-ट्यूब पर इंटरव्यू के दौरान मुख्यमंत्री ने सुरेश कुमार मामले, पंजाब पुलिस में आपसी खींच-तान और अकालियों संबंधी नरम रवैया अपनाने के दोषों और प्रांतीय कैबिनेट में विस्तार जैसे कई दूसरे मुद्दों संबंधी भी बात की। सुरेश कुमार के मामले संबंधी कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आशा व्यक्त की कि यह मामला अदालत में जल्दी ही हल हो जायेगा परन्तु उन्होंने दृढ़ता के साथ कहा कि उनके पास अपना अधिकारी चुनने का हक था जैसे कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल अपने अधिकारी चुनते रहे हैं। केंद्र में प्रधानमंत्री भी अपने अधिकारियों संबंधी ख़ुद फ़ैसला करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरेश कुमार के विरूद्ध संपूर्ण मामला नौकरशाही के बीच उन अफसरों की देन है जो इस अफ़सर को पसंद नहीं करते।मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी तरह पंजाब पुलिस के बीच की खींच-तान वास्तव में शख्सियत का टकराव ही था। उन्होंने दोष लगाया कि ऐसी स्थिति हथियारबंद बलों सहित पुलिस फोर्स के बीच एकतरफा ढांचे के कारण पैदा हुई है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को एक समान तरक्कियाँ मिलने के कारण राज्य में पदों की अपेक्षा अधिक डी.जी.पी. और आई.जी. स्तर के अधिकारी हो गए हैं। उन्होंने कहा कि अगर यही बर्ताव जारी रहा तो 50 सालों में सिफऱ् उच्च अधिकारी ही होंगे न कि कोई सिपाही। मंत्रीमंडल के विस्तार के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि वह अगले कुछ दिनों में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रधान राहुल गांधी से मिलेंगे और उनको कैबिनेट के विस्तार कर लिये जाने की उम्मीद है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी के विधायकों को या मंत्रीयों को या वैधानिक सहयोगियों को या फिर बोर्डो /कार्पोरेशनों के चेयरमैनों को नियुक्त किया जायेगा। उन्होंने अपनी सरकार द्वारा वैधानिक सहयोगी बनाने की पैरवी करते हुये कहा कि सरकार के 42 विभाग हैं और मंत्रीयों द्वारा अकेले सभी कामों को निपटाना संभव नही है। मंत्रीयों और पार्टी विधायकों द्वारा अपने सरकारी काम-काज के साथ अपने व्यवसाय करने के अपने स्टैंड को दौहराते हुये मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि भाई-भतीजावाद या भ्रष्टाचार को सहन नही किया जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी तरह की अवैध कार्रवाईयों की इज़ाजत नही दी जायेगी। रेत खदानों के संबंध में 50 हैक्टयेर कम क्षेत्र वाले रेत खनन में जेसीबी मशीनों पर पाबंदी लगाने वाले केंद्रीय कानून पर दोष लगाते हुये कहा कि उनकी सरकार इस मसले के हल के लिये कोई रास्ता निकालेगी अकाली नेताओं के प्रति नरम रूख अपनाने के दोषों को रद्द करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी तरह की ढील या नरमी बरते जाने का सवाल ही पैदा नही होता पर अकालियों द्वारा किये गये गलत कामों का अर्थ यह नही कि मुझे भी उसी राह पर चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीतिक रंजिश के रूप में वह किसी के विरूद्ध कोई कार्रवाई नही करेंगे।अपनी सरकार की विभिन्न उपलब्धियों संबंधी बात करते हुये कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि कजऱ् राहत स्कीम पूरी तरह राह पर है और उनको आशा है कि इस वर्ष नवंबर तक इसको पूरी तरह लागू कर दिया जायेगा। उन्होंने किसानों को कर्जे के जाल में से निकालने के लिए फ़सली विभिन्नता को प्रौत्साहन देने के लिए उठाये कदम भी गिनवाये। मुख्यमंत्री ने पंजाब में निवेश के लिए उद्योग द्वारा दिखाई जा रही रुचि पर तसल्ली व्यक्त करते हुये कहा कि ज़मीन स्तर पर निवेश के ठोस नतीजे पहले ही दिखाई देने शुरू हो गए हैं और आगामी दो -तीन वर्षों में राज्य को इस क्षेत्र से फ़ायदा होता प्रत्यक्ष दिखाई देगा। उद्योग क्षेत्र के सहयोग से रोजग़ार मेले अच्छी तरह चलने का दावा करते हुये उन्होंने कहा कि पंजाब के लोग अब समझने लगे हैं कि यह सरकार काम करके दिखा रही है।