SC reinstates Alok Verma as CBI Director
नेशनल न्यूज डेस्कः सुप्रीम कोर्ट ने आलोक कुमार वर्मा को सीबीआई निदेशक पद पर फिलहाल बहाल कर दिया है। अदालत ने उनके अधिकार वापस लेने और छुट्टी पर भेजने के केंद्र सरकार के फैसले को रद्द कर दिया है। हालांकि शीर्ष अदालत ने वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में केंद्रीय सतर्कता की जांच पूरी होने तक उन्हें कोई भी बड़ा निर्णय लेने से रोक दिया है। यानि वर्मा अभी न तो कोई बड़ा नीतिगत फैसला ले सकेंगे और न ही कोई नई जांच शुरू करवा सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि वर्मा के खिलाफ आगे कोई भी निर्णय सीबीआई निदेशक का चयन एवं नियुक्ति करने वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति द्वारा लिया जाएगा। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ ने आलोक वर्मा तथा गैर सरकारी संगठन कामन काज आदि की याचिकाओं पर ये फैसला दिया। पीठ ने अपने फैसले में कहा कि उच्चाधिकार प्राप्त समिति केंद्रीय सतर्कता आयोग की जांच के नतीजों के आधार पर निर्णय लेगी। उसने कहा कि एक हफ्ते के भीतर समिति की बैठक बुलाई जाए। इस समिति में प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता के साथ ही सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शामिल होते हैं। इस बीच केंद्र सरकार ने कहा है कि कोर्ट के फैसले के मुताबिक जल्द ही सरकार इस बैठक पर फैसला लेगी। कोर्ट के फैसले पर जेटली ने कहा कि सरकार ने सीबीआई की स्वायत्तता और साख बनाए रखने के मद्देनजर आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजा था और यह फैसला सीवीसी की सिफारिश के आधार पर लिया गया था।
गौरतलब है कि आलोक वर्मा और सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने और उनके झगड़े के सार्वजनिक होने पर केंद्र ने 23 अक्टूबर को दोनों को छुट्टी पर भेज दिया था। इसके साथ ही ज्वाइंट डायरेक्टर एम नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक की ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी। छुट्टी पर भेजे जाने के आदेश के ख़िलाफ़ सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।