इंडिया न्यूज सेंटर,नई दिल्लीः रायन इंटरनेशनल ग्रुप के ट्रस्टी ग्रेस और ऑगस्टिन पींटो सेबी के रडार पर आ गए हैं। सेबी ने अपनी जांच में पाया है कि दोनों मालिकों ने एक फर्जी फाइनेंस कंपनी के जरिए करोड़ो रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की है। ग्रेस और ऑगस्टिन पिंटो ने मुंबई की एक फाइनेंस कंपनी कामालक्क्षी लिमिटेड में 50 लाख रुपये का निवेश किया था। इस 50 लाख के निवेश पर एक साल के भीतर 32 करोड़ रुपये से अधिक की लॉन्ड्रिंग की थी। सेबी ने बाद में इस कंपनी को स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करने से बैन कर दिया था।
कैसे हुआ घोटाला डाले नजर-
कामालक्ष्मी ने 137 लोगों को प्रिफेंशियल शेयर दिए थे। यह ऐसे शेयर होते हैं, जिनको स्टॉक मार्केट में ट्रेड नहीं किया जा सकता है। कंपनी ने इन शेयरों को 10.20 रुपये प्रति शेयर की दर से दिया था। रायन के मालिक ग्रेस और ऑगस्टिन पिंटो ने 5 लाख शेयर खरीदे और इसके लिए 1 करोड़ रुपये का निवेश किया। सेबी ने अपनी जांच में पाया कि कंपनी के शेयर की कीमत को जनवरी 2014 से लेकर के दिसंबर 2014 के बीच में आर्टिफिशियल तरीके से 4694 फीसदी तक बढ़ाया गया। एक साल में इस शेयर का प्राइस 10.20 से बढ़कर 489 रुपये हो गया। इस तरह पिंटो दंपत्ति ने एक साल में 32.20 करोड़ रुपये की अवैध तरीके से कमाई की थी। इस कमाई पर टैक्स न देना पड़े, इसके लिए कंपनी के निवेशकों लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को हथियार बनाया। कैपिटल गेन टैक्स एक साल से अधिक समय तक शेयर रखने पर नहीं लगता है। अगर इस तरीके का इस्तेमाल नहीं करते तो फिर 20 फीसदी टैक्स देना पड़ता। सेबी ने अपनी जांच में पाया कि कंपनी ने अपनी तीन साल की वार्षिक रिपोर्ट में भी प्रॉफिट को कम दिखाया था। फिलहाल सेबी ने कंपनी के स्टॉक मार्केट में ट्रेड करने पर रोक लगा दी है और मामला इनकम टैक्स विभाग को सौंप दिया है। इस बीच रोक लगने के बाद कामालक्ष्मी ने भी अपना नाम बदल कर ग्रोमोट्रेड एंड कंसलटेंट रख लिया है।