The year 2020 is great for investing in gold
बिजनेस न्यूज डेस्क: कोरोना काल में सोने के लिए ये साल बेहद शानदार बीत रहा है। बुधवार के कारोबार में सोने ने अपने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। इसके बाद नई ऊंचाइयों को चूमकर एमसीएक्स पर गोल्ड का भाव 48 हजार 420 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया। इस साल सोने ने करीब 24 फीसदी रिटर्न दिया है। जबकि सेंसेक्स और निफ्टी से इस साल में नेगेटिव रिटर्न मिला है।
डॉ रवि सिंह का कहना है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर की आशंका में सेफ हैवन के तौर पर सोने में एक बार फिर खरीदारी तेज हुई है। कोविड-19 को लेकर जारी अनिश्चितता के बीच सोना दिवाली तक 50-52 हजार प्रति 10 ग्राम का स्तर दिखा सकता है। इसके पहले सोने की कीमतों में तेजी के बाद इसके 50 हजार रुपये के भाव पर पहुंचने का अनुमान लगाया था। जिस तरह से सोने में ये हालिया तेजी आई है उससे अब ये जल्दी ही वहां तक पहुंच सकता है। अगर बीते साल की बात करें तो 31 दिसंबर 2019 को सोने का भाव एमसीएक्स पर 39 हजार 108 रुपये प्रति 10 ग्राम था। वहीं 24 जून 2020 को सोना 48 हजार 420 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया यानी हर 10 ग्राम पर 9 हजार 112 रुपये या 24 फीसदी रिटर्न मिला। मौजूदा कारोबारी साल की बात करें, तो 31 मार्च के बाद भी सोना अब तक पांच हजार 452 रुपये प्रति 10 ग्राम बढ़ चुका है। यानी कोरोना काल में निवेश के तमाम विकल्पों पर सोना भारी पड़ा है।
सोने के बीते 10 वर्षों के इतिहास पर नजर
2011 में सोने ने 31.85 फीसदी का रिटर्न दिया था।
2012 में गोल्ड निवेशकों को 12.92 फीसदी रिटर्न मिला।
2013 में सोने में निवेश करे वालों को घाटा हुआ और उन्हें -8.09 फीसदी का नेगेटिव रिटर्न मिला।
2014 में भी सोने ने -5.86 फीसदी का नेगेटिव रिटर्न दिया।
2015 में भी गोल्ड का नेगेटिव रिटर्न जारी रहा और ये -6.64 फीसदी कमजोर हुआ।
2016 में गोल्ड ने सबसे ज्यादा गिरावट दिखाई और रिटर्न -10.08 फीसदी घट गया।
2017 से सोना पॉजिटिव रिटर्न की कैटगरी में लौटा है और उस साल इसने 5.67 फीसदी रिटर्न दिया।
2018 में सोने से 8.24 फीसदी रिटर्न मिला है।
2019 में तो गोल्ड का रिटर्न बढ़कर 24.58 फीसदी हो गया।
2020 में सोना अब तक 24.00 फीसदी रिटर्न दे चुका है।
ऐसे में क्या इस साल सोना 2019 का रिकॉर्ड तोड़ेगा या नहीं, ये जानना दिलचस्प रहेगा। फिलहाल सोने में निवेश की बड़ी वजह तुरंत नकदी मुहैया कराना, ब्याज दरों में कमी, शेयर मार्केट पर दबाव है, मंदी का माना जा रहा है। ईटीएफ में रिकॉर्ड निवेश और दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों के सोना खरीदने से भी सोने की कीमतों में तेजी आ रही है।