Seven-year sentence for assault on health workers, President approves
नेशनल न्यूज़ डेस्क:महामारी कोरोनावायरस से लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मियों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बड़ी राहत दी है स्वास्थ्यकर्मियों पर हमलों की पृष्ठभूमि में गुरुवार को महामारी रोग (संशोधन) अधिनियम, 2020 को लागू करने की मंजूरी दे दी है। जिसके तहत अब स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करने वालों को सख्त सजा दी जा सकेगी। यह अब गैर-जमानती अपराध बन गया है। महामारी रोग अधिनियम, 1897 में संशोधन करने वाले इस अध्यादेश में स्वास्थ्यकर्मियों को आई चोट और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने या उसे नष्ट करने के लिए मुआवजे की व्यवस्था की गई है।पहले, बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस अध्यादेश को मंजूरी दी थी। जिसमें स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ हिंसा को संज्ञेय और गैर जमानती अपराध बनाया गया है। अध्यादेश में स्वास्थ्यकर्मियों के घायल होने, सम्पत्ति को नुकसान होने पर मुआवजे का भी प्रावधान किया गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'राष्ट्रपति ने इस अध्यादेश की घोषणा के लिए अपनी मंजूरी दे दी।' अध्यादेश के अनुसार ऐसा हिंसक काम करने या उसमें सहयोग करने पर तीन महीने से पांच साल तक कैद और 50 हजार से लेकर दो लाख रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। गंभीर चोट/जख्म पहुंचाने पर दोषी को छह माह से लेकर सात साल तक कैद की सजा होगी और एक लाख से लेकर पांच लाख रूपये तक उस पर जुर्माना लगेगा।