लंदन: स्वीडन में इन दिनों कूड़े की कमी चल रही है इस कमी की पूर्ति के लिए वह दूसरे देशों से कूड़ा खरीदकर बिजली पैदा करने की जरूरत पूरी कर रहा है। स्वीडन पर्यावरण का ख्याल रखने में दुनिया के अग्रणी देशों मे शुमार है। वह कूड़े का आयात अपने स्टेट ऑफ द आर्ट प्लांट को चालू रखने के लिए कर रहा है। दरअसल यहां ज्यादा ठंड पडऩे के दौरान कूड़े को जलाकर राष्ट्रीय हीटिंग नेटवर्क के लिए इस्तेमाल की जाती है, जिससे अत्यधिक ठंड में यहां के घरों का तापमान रहने के अनुकूल रखा जा सके। यहां ऐसा सिस्टम बनाया गया है, जिससे ठंड के दिनों में एक ही प्लांट सैकड़ों घरों का तापमान एकसाथ बढ़ाने का काम कर सके। बड़े-बड़े पाइपलाइन से हीट को घरों तक पहुंचाया जाता है। हीट पैदा करने के लिए वेस्ट का इस्तेमाल किया जाता है। यहां की सरकार ने ऐसी नीति बना रखी है, जिसके तहत ठंड के दिनों में यहां की प्राइवेट कंपनियों को भी वेस्ट और जलने वाला कूड़े का आयात करना होता है। स्वीडन दुनिया का पहला ऐसा देश है, जिसने जीवाश्म ईंधन के आयात पर 1991 में सबसे ज्यादा टैक्स लगाए। स्वीडिश मैनेजमेंट रीसाइकलिंग एसोसिएशन की निदेशक ऐना कैरिन ग्रिपवाल के मुताबिक, उनकी संस्था ने लोगों को सालों से इस बात को लेकर प्रेरित किया कि वे ऐसी चीजों को कतई बाहर न फेंके, जो रीसाइकल या रीयूज हो सकें। उन्होंने कहा कि यूरोपियन यूनियन के देशों में कूड़े को जमीन में दबाने पर प्रतिबंध है, तो कूड़े के निदान के लिए जुर्माना भरने से अच्छा है कि वह इसे हमें सेवा के रूप में दे दें। कल को अपने कूड़े के निपटान के लिए वे भी ऐसे ही प्लान बनाएंगे, जिस पर हम आज मेहनत कर रहे हैं। इस नेटवर्क को बनाने में समय लगेगा, तब तक ये देश हमें कूड़ा दे सकते हैं।