-2011 से अब तक ग्रंथी के ही प्रवेश की थी अाज्ञा
इंडिया न्यूज सेंटर, जालंधरः गढ़शंकर-होशियारपुर रोड पर गांव डानसीवाल के गुरुद्वारा साहिब में निशान साहिब चढ़ाने को लेकर करीब 5 साल से दो पक्षों में चल रहा विवाद अदालत के फैसले के बाद खत्म हो गया है। इसमें दोनों पक्षों की सहमति भी शामिल है। कोर्ट के फैसले के बाद रविवार को समूह गांववासियों ने गुरुद्वारा साहिब में सुखमनी साहिब के पाठ का भोग डाला।
बता दें कि गांव के दो पक्षों में निशान साहिब लगाने को लेकर विवाद था। एक पक्ष खंडा साहिब तो दूसरा हरि के निशान वाला निशान साहिब चढ़ाना चाहता था। इसके बाद यह मामला प्रशासन और अदालत में चला गया। इसके चलते गुरुद्वारा साहिब 18 फरवरी 2011 से आम लोगों के लिए बंद था। सिर्फ ग्रंथी को ही सुबह शाम गुरुद्वारा साहिब आने की इजाजत थी। पुलिस कर्मचारी 24 घंटे पहरा देते थे। सिविल जज सीनियर डिवीजन मैडम मनी अरोड़ा के दिए फैसले के बाद दोनों पक्षों में भी अदालत के फैसले के सम्मान करते हुए गुरुद्वारा साहिब में हरि और खंडे वाला निशान साहिब चढ़ाने की सहमति बन गई। गुरुद्वारा खुलने से संगत में खुशी की लहर है। पूर्व सरपंच लखवीर सिंह ने कहा कि अदालत के फैसले से हम सभी गांववासी खुश हैं। हमारे गांव का विवाद खत्म हो गया। दोनों निशान साहिब धार्मिक रिवायत के मुताबिक चढ़ा दिए गए। अकाली सरकार समय कुछ लोगों ने जानबूझ कर यह विवाद पैदा करवाया था, लेकिन अब पूरी तरह विवाद खत्म हो गया है।