इंडिया न्यूज सेंटर, नई दिल्ली: हमेशा की तरह बजट डॉक्यूमेंट्स की छपाई का काम बजट के संसद में पेश होने से दस दिन पहले शुरू हो जाता है। लंबे समय से चले आ रहे इस रस्म के अनुसार बड़ी कड़ाही में हलवा बनाया जाता है और मंत्रालय के सभी स्टाफ के बीच बांटा जाता है। पिछले साल यह पारंपरिक हलवा सेरेमनी 19 फरवरी को हुआ था और जेटली ने 29 फरवरी को संसद में बजट पेश किया था। बजट का प्रारूप तैयार होने पर ही इसे प्रिंटिंग के लिए भेजा जाता है और प्रिंटिंग का काम शुरू करने से पहले यह हलवा सेरेमनी आयोजित होती है। इस रस्म के जरिए देश के बेहतर भविष्य के लिए मनोकामना की जाती है हालांकि इसमें कोई पूजा पाठ या धार्मिक गतिविधि का आयोजन नहीं होता है। इस मीठे डिश को खाने के बाद बजट बनाने और इसके प्रिंटिंग से लेकर लोकसभा में वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुति की पूरी प्रक्रिया से सीधे तौर पर जुड़े सभी अधिकारियों और स्टाफ को उनके परिवारों से हटकर रहना होगा। इन्हें नार्थ ब्लॉक में बजट प्रेस में ही रखा जाएगा। हलवा सेरेमनी के बाद 'लॉक इनÓ बजट तैयार करने की प्रक्रिया को गोपनीय रखने के लिए किया जाता है। इन अधिकारियों को अपने परिजनों से फोन के जरिए भी बात करने की मनाही होती है। वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों को ही केवल घर जाने की अनुमति होती है। करीब 100 अधिकारी बजट के प्रिंटिंग में शामिल होंंगे। इस दौरान अधिकारियों और सभी स्टाफ पर कड़ी निगरानी रखी जाती है। इनकी सुरक्षा का जिम्मा आइबी के साथ दिल्ली पुलिस व सीआइएसएफ पर होता है।