कराची: पाकिस्तान के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने हिंद महासागर में भारत की बढ़ती उपस्थिति और भारतीय नौसेना के विस्तार पर चिंता जताई है। अजीज आरोप लगाया कि भारत विस्तारवादी समुद्री सुरक्षा रणनीति अपना रहा है और सर क्रीक का सीमांकन नहीं होने से हिंद महासागर की सुरक्षा को लेकर खतरा पैदा हुआ है। पाकिस्तानी नौसेना की ओर से हिंद महासागर क्षेत्र में रणनीतिक संभावना 2030 और उससे आगे-बढ़ती चुनौतियां और रणनीति पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते अजीज ने कहा, भारत द्वारा की जा रही भारत के चलते हिंद महासागर में अस्थिरता पैदा होने और वहां की शांति भंग होने का खतरा पैदा हो गया है। अजीज ने कहा कि भारतीय नौसेना का हिंद महासागर में विस्तार पाकिस्तान के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा, हिंद महासागर की सुरक्षा पाकिस्तान के लिए सामरिक महत्व रखती है। उन्होंने कहा, हमें हिंद महासागर की आर्थिक क्षमताओं का अंदाजा हुआ। यह दुनिया के 30 से ज्यादा देशों को समुद्र तट मुहैया कराता है। ना केवल यह एशिया के अहम इलाकों से संपर्क स्थापित करता है, बल्कि दक्षिणी एशिया, मध्य-पूर्व और अफ्रीका के लिए भी एक मुख्य संपर्क सूत्र है। यह ऑस्ट्रेलिया को यूरोप से जोड़ता है। सभी पक्षों के बीच सुरक्षा को लेकर नियमित रूप से बातचीत होनी चाहिए, यह बेहद अहम है। अजीज ने कहा कि समुद्र के रास्ते ही पाकिस्तान का 95 फीसद कारोबार होता है। पाकिस्तान को अपने राष्ट्रीय हितों का अंदाजा है और हम हिंद महासागर में अपनी क्षमताओं को और मजबूत करने पर ध्यान देंगे। पाकिस्तान ने जनवरी में परमाणु शक्ति संपन्न पनडुब्बी से लॉन्च किए जाने वाले क्रूज मिसाइल बाबर-III का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था। इससे पहले 2016 में भारत ने अपनी परमाणु क्षमता युक्त पनडुब्बी अरिहंत से न्यूक्लियर शक्ति संपन्न के-4 बलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था। अजीज का आरोप है कि हिंद महासागर के परमाणवीकरण के कारण क्षेत्रीय अस्थिरता का खतरा और बढ़ गया है।