इंडिया न्यूज सेंटर,नई दिल्लीः देश के सर्वोच्य न्यायायलय ने तीन तलाक के मुद्दे पर अपना अहम फैसला सुना दिया है। जिसमें तीन जजों ने इसे असंवैधानिक करार दिया है। वहीं मुख्य न्यायाधीश जस्टिस खेहर ने फैसले के दौरान सबसे पहले अपना निर्णय देते हुए कहा कि फिलहाल तीन तलाक पर छह महीने की रोक लगाई जाती है।आपकों यहां यह भी बताना जरुररी है उन महिलाओं के बारे में जिन्होंने तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाई और कोर्ट में याचिका दायर की।
शायरा बानो:
उत्तराखंड की रहने वाली शायरा बानो ने मुस्लिम समुदाय में तीन तलाक, निकाह हलाला और बहु-विवाह के प्रचलन को असंवैधानिक घोषित किए जाने की मांग की । शायरा ने मुस्लिम पर्सनल लॉ एप्लीकेशन कानून,1936 की धारा-दो की संवैधानिकता को चुनौती दी है।
आफरीन रहमान:
जयपुर की रहने वाली आफरीन के पति ने स्पीड पोस्ट के जरिए तलाक का पत्र भेजा था। वैवाहिक पोर्टल के जरिए उनकी शादी हुई थी।
इशरत जहां:
पश्चिम बंगाल के हावड़ा की रहने वाली इशरत को उसके पति ने दुबई से फोन पर तलाक दे दिया। इतना ही नहीं उसके पति ने चारों बच्चों को उससे छीन लिया। पति ने दूसरी शादी कर ली। इशरत ने याचिका दायर कर तीन तलाक को असंवैधानिक और मुस्लिम महिलाओं के गौरवपूर्ण जीवन जीने के अधिकार का उल्लंघन बताया है।
आतिया साबरी:
उत्तर प्रदेश की सहारनपुर की रहने वाली आतिया के पति ने वर्ष 2016 में एक कागज पर तीन तलाक लिखकर पत्नी से रिश्ता तोड़ लिया था। वर्ष 2012 में दोनों की शादी हुई थी। उनकी दो बेटियां हैं। आतिया का आरोप है कि दो बेटी होने से उसके पति और ससुर नाराज थे। ससुरालवाले आतिया को घर से निकालना चाहते थे। उसे जहर खिलाकर मारने की भी कोशिश की गई थी।
गुलशन परवीन:
उत्तर प्रदेश के रामपुर में रहने वाली गुलशन को पति ने नोएडा से दस रुपये के स्टांप पेपर पर तलाकनामा भेजा था। पति नोएडा में काम करता था। शादी के तीन साल बाद 2016 उसके पति ने तलाकनामा भेजा था। उसका दो साल का बेटा है।