इंडिया न्यूज सेंटर, लुधियाना: केन्द्र सरकार द्वारा पंजाब को जारी किया गया जनवरी से मार्च-2017 तक के 3 महीने का कैरोसीन कोटा 16,15,800 लीटर विवादों का कारण बना रहा। उक्त कैरोसीन को पब्लिक में बांटने को लेकर डिपो मालिकों ने तो दिलचस्पी दिखाई लेकिन इस मामले को लेकर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकतर अधिकारियों व कर्मचारियों ने तेल बांटने से पल्ला झाड़ लिया, जिसका अंजाम यह हुआ कि डिपो होल्डरों व विभागीय अधिकारियों की आपसी खींचतान की बिजली उन लाखों गरीब परिवारों पर गिरी है, जो सरकार की उक्त सेवा का हिस्सा थे और जिनके चूल्हे सरकारी कैरोसीन से रोशन होते हैं।
मामले से जुड़ी ताजा जानकारी की बात की जाए तो संबंधित विभाग व डिपो मालिकों में पनपे कथित विवाद को लेकर पंजाब के हिस्से का कैरोसीन कोटा फिर से बंद होने की चर्चा होने लगी है। अगर यह बात सच साबित होती है तो योजना से जुड़े गरीब परिवारों को बाजार में बिकने वाली फ्री सेल मिट्टी का तेल करीब 60 रुपए प्रति लीटर खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। उक्त परिवारों को डिपुओं पर मिलने वाला सरकारी कैरोसीन मात्र 15-16 रु. प्रति लीटर की कीमत पर योजना के अंतर्गत मिल रहा है। अगर उक्त योजना अब सरकार द्वारा बंद कर दी जाती है तो यह सब उन गरीब परिवारों पर कहर बनकर टूट सकता है, जोकि अब तक केन्द्र व राज्य सरकार की फ्री घरेलू गैस सिलैंडर योजना का हिस्सा नहीं बन पाए हैं।