` यूपीकोका बिल विधानसभा में पारित,योगी ने दी कानून का दुरुपयोग न होने की गारंटी

यूपीकोका बिल विधानसभा में पारित,योगी ने दी कानून का दुरुपयोग न होने की गारंटी

U.P.Coca bill passed in assembly, Yogi guarantees no misuse of law share via Whatsapp

U.P.Coca bill passed in assembly, Yogi guarantees no misuse of law


इंडिया न्यूज सेंटर,लखनऊः
   भारी हंगामे और विरोध के बीच यूपीकोका बिल आज वीरवार को यूपी विधानसभा में पारित हो गया। प्रदेश में बढ़ते अपराध पर अंकुश लगाने के लिए मकोका की तर्ज पर उत्तर प्रदेश कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम ऐक्ट (यूपीकोका) बिल सरकार की तरफ से लाया गया था। सदन में इस बिल पर चर्चा के दौरान ज़ोरदार हंगामा हुआ। यूपीकोका को लेकर विपक्ष ने आरोप लगाया कि बीजेपी राजनीतिक फायदे के लिए इसका प्रयोग करना चाहती है। लेकिन विपक्ष के विरोध के बावजूद  विधानसभा में आज यूपीकोका पारित हो गया है। नेता विपक्ष रामगोविंदचौधरी ने कहा कि यूपीकोका विधेयक राजनीतिक विरोधियों, पत्रकारों, दलित,पिछड़ों विशेषकर अल्पसंख्यकों को डराने के लिए है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सपा नेता आज़म खान को भाजपा सदस्यों ने सदन में बोलने नहीं दिया। बसपा नेता लालजी वर्मा ने कहा कि जब बसपा ने ये विधयेक रखा था उस वक्‍त भाजपा ने इसका विरोध किया था। भाजपा जिस तरह से राजनीतिक विद्वेष से काम कर रही है उससे आशंका है कि इससे दलित, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न होगा। विरोध जताते हुए बीसपी विधायक सदन से वॉक आउट कर गए।

क्या है यूपीकोका
साल 2007 में अपराधियों पर लगाम कसने को पहली बार मायावती ने यूपीकोका की शुरुआत की थी। उस वक्त केंद्र में यूपीए की सरकार थी लेकिन केंद्र में यूपीए ने उस कानून को मंजूरी नहीं दी थी। गृह सचिव मणि प्रसाद मिश्र ने मुंबई, दिल्ली और बिहार समेत कई राज्यों में संगठित अपराध के लिए बनाए गए कानून का अध्ययन किया। इनके आधार पर ही यूपी के लिए यूपीकोका बनाया गया है। इस कानून के तहत 3 साल से लेकर उम्रकैद व फांसी की सजा और 5 लाख से 25 लाख तक जुर्माने का प्रावधान करने की तैयारी है। इस कानून के जरिए अपराधियों और नेताओं के नेक्सस पर भी लगाम कसी जाएगी। पुलिस और स्पेशल फोर्स को स्पेशल पावर दी जाएगी। यूपी में इससे पहले संगठित अपराध पर कार्रवाई के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन हुआ था।

इंस्पेक्टर करेगा विवेचना, एडीजी देंगे चार्जशीट को मंजूरी
 मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपीकोका जैसा कानून महाराष्ट्र और कर्नाटक में पहले से है। हमने इसे और बेहतर बनाया है। रेंज के आईजी/डीआईजी और कमिश्नर के अनुमोदन के बाद यूपीकोका की एफआईआर दर्ज होगी। इसकी विवेचना इंस्पेक्टर करेगा और चार्जशीट जोन में तैनात एडीजी/आईजी की स्वीकृति के बाद अदालत में दाखिल की जाएगी। कर्नाटक में प्रावधान है कि जिसने 10 साल के भीतर अपराध किया हो, वह कर्नाटक कोका के दायरे में आएगा, यूपीकोका में पांच साल के अपराध की सीमा रखी गई है।

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Source: INDIA NEWS CENTRE

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