इंडिया न्यूज सेंटर,नई दिल्लीः नोटबंदी का एक साल होने जा रहा है। ये सालगिरह सत्ता और विपक्ष के लिए अब 'जंग' का मदान बनती दिख रही है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि नोटबंदी के एक साल पूरे होने पर भारतीय जनता पार्टी जश्न मनाएगी। बीजेपी 8 नवंबर को नोटबंदी की सफलता का जश्न मनाएगी। वहीं विपक्ष इस दिन को काले दिन के तौर पर मनाएगा। बीजेपी 8 नवंबर को कालाधन विरोध दिवस के रूप में मनाएगी। नोटबंदी को लेकर देशभर में पार्टी कार्यक्रमों का आयोजन करेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि नोटबंदी एक बड़ा कदम था। उन्होंने कहा कि कालाधन रखने वालों की खैर नहीं। जेटली ने कहा कार्यक्रम में कालेधन के खिलाफ उठाए जाने वाले कदमों के बारे में जनता को बताया जाएगा। इस अवसर पर पार्टी के सभी प्रमुख नेता, पदाधिकारी और केंद्र एवं राज्यों के मंत्री देश भर में भ्रमण करेंगे और जनता को काला धन पर अंकुश के लिए मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी देंगे। बुधवार को यहां एक प्रेस कांफ्रेंस में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह ऐलान किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह गुजरात के दौरे पर हैं, इसलिए यह महत्वपूर्ण ऐलान करने का जिम्मा उन्हें दिया गया है। नोटबंदी पर कांग्रेस की समझ पर सवाल उठाते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इस विषय के अधूरे ज्ञान के कारण ही यह पार्टी मोदी सरकार का बेवजह विरोध कर रही है। दरअसल, नोटबंदी से पहले जिन लोगों के पास आय के ज्ञात स्रोतों से ज्यादा संपत्ति थी और जो काले धन को सफेद बनाने का काम कर रहे थे, उनकी पहचान मुश्किल थी, लेकिन अब जबकि सारी पुरानी करेंसी बैंकों में जमा हो गई है, ऐसे लोगों को पृथक करना आसान हो गया है। यही नहीं, जिनकी आमदनी और जमाओं के बीच गड़बड़ी पाई जा रही है, उन्हें आयकर विभाग की ओर से नोटिस भेजा जा रहा है और अनियमितता साबित होने पर उनसे टैक्स की वसूली भी की जा रही है।
'कांग्रेस को बोलने का हक नहीं'
जेटली ने कांग्रेस को कोसते हुए कहा कि देश पर सबसे ज्यादा समय तक शासन करने वाली इस पार्टी को कई मौके मिले, लेकिन याद नहीं आता कि उसने काला धन पर अंकुश लगाने के लिए एक भी उल्लेखनीय कदम उठाया हो। यही वजह है कि वे मोदी सरकार की पहल से परेशान हैं। ऐसी पार्टी को इस मुद्दे पर बोलने का कोई हक नहीं है।
बैंकों को किया खोखला
वर्ष 2008-12 के बीच यूपीए शासनकाल में अंधाधुंध तरीके से कर्ज बांटे गए और बैंकों को खोखला कर दिया गया। इसे छुपाने के लिए तमाम तरीके अपनाए गए और देश व दुनिया की आंखों में धूल झोंकी गई। मोदी सरकार ने तो पिछली सरकार की नाकामियों को दुरुस्त करने के लिए बैंकों के पूंजीकरण की महत्वाकांक्षी योजना पेश की है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, 'यह जरूर है कि उनकी नालायकी को दूर करने में हमने कुछ ज्यादा वक्त लगा दिया।