` सिविल सर्जनों की कारगुज़ारी की समीक्षा, स्वास्थय विभाग द्वारा जारी निर्देश आधारित होगी- ब्रह्म मोहिंदरा

सिविल सर्जनों की कारगुज़ारी की समीक्षा, स्वास्थय विभाग द्वारा जारी निर्देश आधारित होगी- ब्रह्म मोहिंदरा

CIVIL SURGEONS’ PERFORMANCE BE EVALUATED ON SET OF GUIDELINES ISSUED BY HEALTH DEPARTMENT: BRAHM MOHINDRA share via Whatsapp

अस्पतालों और ऑपरेशन थियेटरों की सफ़ाई को प्रमुखता दी जायेगी
   
सिविल सर्जन अस्पतालों की ईमारत और आस-पास की साफ़ -सफ़ाई के लिए निजी तौर पर जिम्मेवार
   
गैर ज़रूरी मामलों को दूसरे अस्पतालों में रैफर न किया जाये
   
पी.सी.-पी.एन.डी.टी. एक्ट और नशा -छुड़ाओ केन्द्रों की नियमित निगरानी भी करना सिविल सर्जनों की अहम जि़म्मेदारी

पंजाब न्यूज सेंटर,चंडीगढ़:
सूबे के लोगों को गुणात्मक सेवाएं मुहैया करवाने और सुधार करने के उद्धेश्य से, पंजाब सरकार ने सिविल सर्जनों की निजी जि़म्मेदारी निश्चित की है। अब सिविल सर्जनों की कारगुज़ारी की समीक्षा स्वास्थय विभाग द्वारा जारी हिदायतों को लागू करने की सफलता पर आधारित होगी जो अब प्रत्येक 15 दिनों के बाद की जायेगी।
 इस संबंधी और जानकारी देते स्वास्थय और परिवार कल्याण मंत्री  ब्रह्म मोहिंदरा ने बताया कि सभी सिविल सर्जनेां को हिदायतें जारी की गई हैं कि अस्पतालों और ऑपरेशन थियेटरों की सफ़ाई को प्रमुखता दी जाये और अस्पतालों के स्वरूप को आकर्षक बनाने के लिए निजी रूचि दिखा कर विशेष यत्न किये जाएं। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार ही मरीजों से संबंधित रिकार्ड पर रोज़ाना सीनियर मैडीकल अधिकारी के हस्ताक्षर लिए जाएं। उन्होंने कहा कि सिविल सर्जने यह यकीनी करें कि ग़ैर ज़रूरी मामलों में मरीजों को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में रैफर न किया जाये और रैफरल मामलों का पूरा रिकार्ड रखा जाये जिससे ऑडिट समय किसी किस्म की दिक्कत का सामना न करना पड़े। स्वास्थय मंत्री ने कहा कि सिविल सर्जन यह भी यकीनी बनाऐंगे कि माहिरों द्वारा सुबह और शाम के समय निरीक्षण किया जाये। इसी  प्रकार ही एस एम औज प्रतिदिन निरीक्षण करेंगे और सिविल सर्जन 15 दिनों में एक बार अस्पतालों का दौरा करेंगे। दिशा निर्देशों अनुसार संबन्धित सिविल सर्जन यह भी यकीनी बनाऐंगे कि एम एल आर मामलों में बेकार दाखि़ला न किया जाये और इसके साथ ही आपरेशन थियेटरों और लेबर रूमज़ को सब सुविधाओं के साथ लैस करने के इलावा पूरी तरह स्वच्छता का ध्यान रखा जाये।  इन दिशा निर्देशों के अंतर्गत सिविल सर्जनों को यह भी यकीनी बनाने के लिए कहा गया है कि डायलसिस की सुविधाओं बिल्कुल मुफ़्त करवाई जाएं और डायलसिस मशीनों पर कम से कम दो शिफटें लगाई जाएं। इस के इलावा पी सी - पी एन डी टी एक्ट और नशा छुड़ाओ केन्द्रों की नियमित निगरानी भी सिविल सर्जन की निजी जि़म्मेदारी होगी।  स्वास्थय मंत्री ने आगे कहा कि राष्ट्रीय प्रोग्रामों को आंकड़े उपलब्ध करवाने और इन संबंधी अपेक्षित अध्ययन करने के लिए भी सिविल सर्जन जि़म्मेदार होंगे। इस के इलावा समूह स्थानों पर बाकायदा चिन्ह स्थापित करने भी यकीनी बनाऐ जाएंगे। श्री ब्रह्म मोहिंदरा ने यह भी कहा कि, ‘‘प्रत्येक सिविल सर्जन की कारगुज़ारी की समीक्षा 15 दिनों बाद में वीडियो कानफ्रेंस के द्वारा और सिविल सर्जनों की कान्फ्रेंस दौरान भी की जायेगी।’’

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Source: INDIA NEWS CENTRE

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