` सुप्रीम कोर्ट की 30 हजार परिवारों को राहत,जेपी इंफ्राटेक को दिवालिया घोषित करने की कार्यवाही पर लगी रोक

सुप्रीम कोर्ट की 30 हजार परिवारों को राहत,जेपी इंफ्राटेक को दिवालिया घोषित करने की कार्यवाही पर लगी रोक

Supreme Court relief to 30 thousand families, The stoppage of action against JP Infratech for declaring Insolvent. share via Whatsapp

दयाल शर्मा,नोएड़ा : सुप्रीम कोर्ट ने जेपी के तकरीबन 30 हजार परिवारों को राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने जेपी इंफ्राटेक को दिवालिया घोषित करने के लिए इलाहाबाद में नेशनल कंपनी लॉ बोर्ड के समक्ष चल रही कार्यवाही पर सोमवार को रोक लगा दी। इस रियल इस्टेट कंपनी  के खिलाफ यह कार्यवाही आईडीबीआई बैंक की पहल पर हो रही है। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्र, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने इस कंपनी में फ्लैट बुक कराने के बावजूद अभी तक मकान का कब्जा नहीं मिलने की वजह से दायर याचिका पर जेपी इंफ्राटेक और अन्य को नोटिस भी जारी किए।  पीठ ने चित्रा शर्मा और अन्य मकान खरीदारों की जनहित याचिका पर रियल इस्टेट कंपनी, भारतीय रिजर्व बैंक और अन्य से जवाब मांगे हैं। पीठ ने कहा कि इस मामले में अब 10 अक्तूबर को आगे की कार्यवाही की जायेगी।

 याचिका में क्या गया है...
याचिका में कहा गया है कि उन्हें अभी तक अपने मकान के कब्जे नहीं मिले हैं और कंपनी के खिलाफ शुरू की गई दिवालिया घोषित करने की कार्यवाही उन्हें बगैर किसी राहत के अधर में छोड देगा। याचिका में कहा गया है कि मकानों के खरीदारों को असुरक्षित देनदार होने की वजह से दिवालिया कार्यवाही से कुछ भी नहीं मिलेगा क्योंकि वित्तीय संस्थानों, जो सुरक्षित देनदार हैं, की बकाया राशि का पहले भुगतान किया जाएगा. शीर्ष अदालत में दायर याचिका में उन तीस हजार मकान खरीदारों के हितों की रक्षा का अनुरोध किया गया है जिन्होंने अपनी गाढ़ी कमाई का अपने सपनो के घर के लिए जेपी इंफ्राटेक कंपनी की 27 विभिन्न परियोजनाओं में निवेश किया है। कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने 10 अगस्त को स्वीकार की थी आईडीबीआई बैंक की याचिका जेपी इंफ्राटेक को दिवालिया घोषित करने के लिये आईडीबीआई बैंक की याचिका कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने 10 अगस्त को विचारार्थ स्वीकार कर ली थी। कंपनी ने इस बैंक के 526 करोड रुपए का कर्ज की अदायगी नहीं की है। जेपी इंफ्राटेक सडक निर्माण और रियल इस्टेट के कारोबार में है और उसने दिल्ली को आगरा से जोडने वाले यमुना एक्सप्रेसवे का भी निर्माण किया है।

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Source: INDIA NEWS CENTRE

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