इंडिया न्यूज सेंटर,लखनऊः गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज अस्पताल में हुई 30 बच्चों की मौत की यूपी से लेकर दिल्ली सरकार तक पहुंच गई है। 30 बच्चों की मौत से यूपी सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवालियां निशान खड़े हो गए है। सबसे अहैम बात यह है कि गोरखपुर खुद प्रदेश के मुखिया का ग्रह जिला है। अगर मेडिकल कालेज में सीएम के ग्रह जिले में इतनी बड़ा लापरवाही बरती गई है तो प्रदेश के बाकी जिलों का क्या होगा यह भी एक जांच का विषय है। डीएम की रिपोर्ट से सीएम की उस ब्यान को भफी सीरे से खारिज कर दिया है कि बच्चों की मौत आक्सीजन की सप्लाई से नही खुले में शोच करने से हो रही है। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 30 बच्चों की मौत पर डीएम ने आज जिला प्रशासन की प्राथमिक जांच रिपोर्ट चिकित्सा शिक्षामंत्री आशतोष टंडन को सौंप दी।रिपोर्ट में इस बात को स्वीकार किया गया है कि मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की सप्लाई रुकी थी। सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा भी आज बीआरडी मेडिकल कॉलेज के दौरे पर हैं। जेपी नड्डा अपनी रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपेंगे। मुख्य सचिव राजीव कुमार भी सीएम योगी के साथ बीआरडी मेडिकल कॉलेज के दौरे पर हैं। सीएम ने मामले की विस्तृत जांच की जिम्मेदारी मुख्य सचिव को सौंपी है। 19 अगस्त तक मुख्य सचिव सीएम को रिपोर्ट सौंपेंगे। संभावना व्यक्त की जा रही है कि योगी आदित्यनाथ के दौरे के बाद दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। शनिवार को शासन ने कॉलेज में प्रिंसिपल को दोषी मानते हुए सस्पेंड कर दिया था। लेकिन कालेज के प्रिंसिपल ने नैतिक जिम्मेवारी मानते हुए सरकार के फैसले से पहले ही अपना इस्तीफा के मामले सीएम से बात की थी लेकिन सीएम ने उन्हे जांच होने तक रुकने के लिए कहा था। राजकीय मेडिकल कॉलेज, अम्बेडकरनगर के प्रिंसिपल डॉ पी के सिंह को बीआरडी मेडिकल कॉलेज के कार्यवाहक प्रिंसिपल का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।