इंडिया न्यूज सेंटर,नई दिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज दिल्ली की पटियाला हाउस स्थित कोर्ट में मनी लाउंड्रिंग के मामले में जेल में बंद अलगाववादी नेता शब्बीर शाह के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। एडिशनल सेशन जज सिद्धार्थ शर्मा की कोर्ट में दाखिल आरोप पत्र में प्रवर्तन निदेशालय ने कहा है कि शब्बीर शाह ने प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से अपने संबंध को स्वीकार किया है। प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक इसी साल जनवरी में उसने आतंकी सरगना हाफिज सईद से बात भी की थी। वो हाफिज से कश्मीर के मसले पर बात करता रहा है। ईडी पहले भी कोर्ट को बता चुका है कि कि शब्बीर शाह भारत विरोधी तत्वों के संपर्क में लगातार बना हुआ है। वह कश्मीर मसले की आड़ में पाकिस्तान, दुबई और इंग्लैंड के आतंकियों के संपर्क में रहता है।
बता दें कि शब्बीर शाह ने पहले कोर्ट में अर्जी देकर कहा था कि उनके साथ अमानवीय व्यवहार हो रहा है और उनकी जान को खतरा है। उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश के तहत आरोप लगाये जा रहे हैं। इस पर ईडी ने कहा था कि शाह जैसे लोग देश को बर्बाद कर रहे हैं। क्या शाह भारत माता की जय बोल सकते हैं। इस पर कोर्ट ने हस्तक्षेप करते हुए कहा था कि कोर्ट को टीवी स्टूडियो में तब्दील नहीं किया जाए।बता दें कि पिछले दो जुलाई को कोर्ट ने शब्बीर शाह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। शब्बीर शाह के खिलाफ टेरर फंडिंग के लिए मनी लाउंड्रिंग का आरोप है। प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी अर्जी में कहा था कि शब्बीर शाह जांच के लिए तलब किए जाने के बावजूद लगातार उसे नजरअंदाज करता रहा है। ईडी ने कोर्ट को बताया था कि ये मामला 2005 का है जब दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मोहम्मद असलम वानी नामक एक हवाला कारोबारी को गिरफ्तार किया था। वानी के पास से 63 लाख रुपए और बड़ी संख्या में हथियार बरामद किए गए थे। इन पैसों में से उसे पचास लाख रुपए शब्बीर शाह को पहुंचाने थे जबकि दस लाख रुपए जैश-ए-मोहम्मद के एरिया कमांडर अबु बकर को देने थे और बाकी पैसे उसकी कमीशन के थे। वानी ने पुलिस को बताया था कि उसने सवा दो करोड़ रुपए शब्बीर शाह को पहुंचाए थे, जिसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने वानी और शबीर शाह के खिलाफ मनी लाउंड्रिंग का केस दर्ज किया।