इंडिया न्यूज सेंटर,नई दिल्लीः वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की बैठक शुरू हो गयी है। बताया जा रहा है कि बैठक में छोटे व्यापारियों को दिवाली गिफ्ट का तोहफा सरकार दे सकती है। सूक्ष्म, छोटे एवं मध्यम उद्योगों को जीएसटी रिटर्न फाइल करने के लिए राहत मिल सकती है। इनको तिमाही आधार पर जीएसटी भरने की छूट दी जा सकती है। राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ वित्त मंत्री अरुण जेटली की बैठक में निर्यातकों को राहत देते हुए 'वर्चुअल करंसी' के जरिए टैक्स के इलेक्ट्रॉनिक भुगतान का भी ऐलान किया जा सकता है। इसके अलावा छोटे एवं मझोले उद्योगों को राहत देते हुए जीएसटी लागू करने की प्रक्रिया की में सुधार के लिए कुछ फैसले लिए जा सकते हैं।
जीएसटी नेटवर्क के कामकाज में सुधार के आसार
अधिकारियों की माने तो जीएसटी की पूर्ण बैठक में जीएसटी नेटवर्क के कामकाज में सुधार का भी आकलन किए जाने की संभवाना है। परिषद की 22वीं बैठक को लेकर वित्त मंत्रालय ने निर्यातकों के कई चरण की बातचीत की है।
मंत्रियों का समूह देगा रिपोर्ट
बता दें कि जीएसटीएन में गड़बड़ी को लेकर बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार की अगुवाई में मंत्रियों का समूह गठित किया गया है। गठित समूह पोर्टल के बारे में आज जानकारी देगा। निर्यातकों से जुड़े मुद्दों पर गौर करने के लिए राजस्व सचिव हंसमुख अधिया की अध्यक्षता में गठित समिति अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट आज दे सकती है।
बैठक से पहले अमित शाह और जेटली की हुई मुलाकात
माना जा रहा है कि आज होने वाली बैठक में कई बड़े फैसले लिए जा सकते हैं। इसके पीछे वजह है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को सरकार के आर्थिक फैसलों का बचाव किया था और गुरुवार को अरुण जेटली बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की। इस मुलाकात में जीएसटी और गुजरात चुनाव को लेकर चर्चा की गयी थी।
जीएसटी से छोटे व्यापारियों में रोष
जानकारी की माने तो जीएसटी को लेकर छोटे व्यापारियों में बड़ा रोष है। जिसका कारण जीएसटी के बाद छोटे व्यापारियों के लिए एक्साइज ड्यूटी में छूट की सीमा कम होना है। पहले एक्साइज ड्यूटी में 1.5 करोड़ तक के बिजिनेस में छूट मिलती थी, लेकिन अब जीएसटी लागू होने के बाद 75 लाख तक के बिजनेस पर भी नॉमिनल टैक्स देना पड़ रहा हैं। लघु उद्योग कारोबारी में भी नाराजगी है।
कई और रियायतें आज मिल सकते हैं
सूत्रों की माने तो जीएसटी काउंसिल की बैठक में छोटे व्यापारियों को एक्साइज ड्यूटी के अलावा भी कई अन्य छोटी रियायतें मिल सकती हैं। गुजरात चुनाव को ध्यान में रखते हुए कपड़ा व्यापारियों की भी कुछ मांगे स्वीकार की जा सकती हैं। इसकी वजह यह है कि कपड़ा व्यापारियों ने जीएसटी का सबसे ज़्यादा विरोध गुजरात में किया था।