All the accused in the 2G scam of 1.76 lakh crore were acquitted, the big question- Who has been digested?
इंडिया न्यूज सेंटर,नई दिल्लीः सीबीआई की विशेष अदालत ने गुरूवार को 2G केस में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और DMK नेता करुणानिधी की बेटी कनिमोई सहित सभी आरोपियों को बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि सरकारी वकील आरोपों को साबित करने में विफल रहे।
कोर्ट ने सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी किया।
सीबीआई की विशेष अदालत में न्यायाधीश ओपी सैनी ने UPA सरकार के समय हुए 2G घोटाले में CBI और ED द्वारा दर्ज अलग-अलग मामलों में फैसला सुनाया। टूजी स्पैक्ट्रम घोटाले से जुड़े मामलों पर विशेष रूप से विचार कर चुकी अदालत ने राजा, कनिमोई और अन्य सहित सभी आरोपियों को फैसले के लिए उसके सामने हाजिर रहने का निर्देश दिया था। गुरुवार सुबह ए राजा सहित सभी आरोपी कोर्ट पहुंचे। कोर्ट ने जब ए राजा को 2G केस का दोषी माना था, तब भी उन्होंने कोर्ट पर अपनी आस्था जताई थी। कांग्रेस पार्टी ने भी अदालत के फैसले को अपने पक्ष में बताते हुए खुशी जाहिर की है। पार्टी ने एक ट्वीट कर कहा है कि वह साफ है। इस मामले पर संसद में भी खूब हंगामा हुआ जिसके चलते संसद की कार्रवाई को रोकना पड़ा। प्रसिद्ध समाज सुधारक और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को एक नई ऊंचाई देने वाले अन्ना हजारे ने कहा है कि अगर सरकार के पास इस घोटाले के बारे में सबूत हैं तो उसे इस मामले को ऊपरी अदालत में ले जाना चाहिए। आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष ने एक ट्वीट कर कहा है कि "मोदी जी आप देश को बताये कि 2G पर क्या डील आपकी सरकार ने की ?" टूजी स्पैक्ट्रम घोटाले में सुनवाई छह साल पहले 2011 में शुरू हुई थी, जब अदालत ने 17 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किये थे। जिन आरोपों में आरोप तय किये गये हैं, उनमें 6 महीने से उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है। जिन मामलों में फैसला आना है उनमें से एक में एस्सार समूह के प्रमोटर रविकांत रुइया और अंशुमान रुइया, लूप टेलीकाम की प्रमोटर किरन खेतान, उनके पति आई पी खेतान और एस्सार समूह के निदेशक :रणनीति एवं योजना: विकास सराफ आरोपी थे। सीबीआई द्वारा दायर पहले मामले में राजा और कनिमोई के अलावा पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, राजा के पूर्व निजी सचिव आर के चंदोलिया, स्वान टेलीकाम प्रमोटर शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका, यूनीटेक लिमिटेड एमडी संजय चंद्रा और रियालंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह के तीन शीर्ष कार्यकारी अधिकारी गौतम दोशी, सुरेंद्र पिपारा और हरि नायर आरोपी थे।