इंडिया न्यूज सेंटर,वाराणसीः बनारस हिंदु यूनीवर्सिटी बीएचयू में छात्र-छात्राओं पर हुए लाठीचार्ज के बाद से माहौल तनाव पूर्ण हो गया है,अभी भी शांत नहीं हुआ है। छात्राओं का धरना प्रदर्शन भी जारी है। वहीं, इस मामले को लेकर लंका थाना प्रभारी, सीओ भेलूपुर और एक एडीशनल सिटी मैजिस्ट्रट को हटा दिया गया है। इसके साथ ही 1000 छात्र-छात्राओं के खिलाफ लंका थाने में मामला दर्ज किया गया है। शनिवार के पुलिस लाठीचार्ज, गोलीबारी, पथराव और आगजनी के बाद रविवार सुबह भी बीएचयू के बाहर अशांति का माहौल रहा। सिंह द्वार पर छात्राओं का धरना जारी रहा। छात्राओं के समर्थन में बीएचयू छात्रसंघ के पूर्व उपाध्यक्ष और वाराणसी के पूर्व सांसद राजेश मिश्रा भी धरने में शामिल हुए।
घर लौटने लगे हैं छात्र-छात्राएं
इस बीच बीएचयू प्रशासन ने विश्वविद्यालय को दो अक्टूबर तक बंद कर दिया है। छात्राओं को हॉस्टल खाली करने का फरमान जारी कर दिया गया है। बीएचयू से सैकड़ों छात्र-छात्राएं अपने घरों की ओर रवाना होने लगे हैं। पूरा बीएचयू परिसर पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है। परिसर में और परिसर के बाहर यहां 20 ट्रक पीएसी के जवान तैनात किए गए हैं।
छात्राओं ने निकाला शांति मार्च
बीती रात हुए घटनाक्रम को लेकर रविवार सुबह छात्राओं ने शांति मार्च निकाला। मार्च एलडी गेस्टहाउस पर पहुंचा, जहां पुलिस ने लाठी पटक कर उन्हें पीछे रहने का संकेत दिया, जिससे माहौल फिर अशांत हो गया और उत्तेजित छात्राओं ने धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया।
वाराणसी पहुंचे राज बब्बर
वाराणसी पहुंचे राज बब्बर और पी.एल. पुनिया
कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष राज बब्बर और वरिष्ठ नेता पी.एल. पुनिया भी आंदोलनकारी छात्राओं के प्रति समर्थन जताने वाराणसी पहुंचे। लेकिन शहर में प्रवेश करने से पहले ही उन्हें गिलट बाजार में हिरासत में ले लिया गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, राज बब्बर और पुनिया बीएचयू जाना चाहते थे। कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए उन्हें वहां जाने से मना किया गया तो वे वहीं (गिलट बाजार में) धरने पर बैठक गए। जिसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
सीएम योगी ने मांगी रिपोर्ट
सरकारी प्रवक्ता ने एक जारी बयान में कहा कि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के निर्देशों के मद्देनजर मुख्य सचिव राजीव कुमार ने शनिवार रात बीएचयू में हुई घटना की मण्डलायुक्त नितिन रमेश गोकर्ण से जांच रिपोर्ट मांगी है। इस जांच के प्रमुख बिन्दु में विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं एवं पत्रकारों पर लाठीचार्ज तथा आगजनी एवं तोड़फोड़ की घटना है।
प्रदर्शन करती छात्राएं
मण्डलायुक्त नितिन रमेश गोकर्ण ने कहा है कि सोमवार को वह अपने मंडलीय कार्यालय में काशी हिंदू विश्वविद्यालय में हुए घटना की सुनवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि बीएचयू की घटना से संबंधित किसी व्यक्ति के पास यदि कोई मौखिक अथवा लिखित साक्ष्य हो तो वह उसे सोमवार को उनके कार्यालय में प्रातः 9:00 से 11:00 बजे तक उपस्थित होकर प्रस्तुत कर सकता है।
ये था मामला
उल्लेखनीय है कि विवि परिसर में छात्रों द्वारा छेड़ेखानी का आरोप लगाते हुए छात्राएं वीसी से मिलने की जिद पर अड़ी थीं। वीसी कार्यालय ने 4-5 छात्राओं को मिलने की बात कही, लेकिन छात्राएं चाहती थीं कि वीसी से बातचीत सभी के सामने हो।
बीएचयू गेट पर तैनात पुलिसकर्मी
इस बीच शनिवार शाम वीसी धरना स्थल पर जाने के बजाय त्रिवेणी हॉस्टल में दूसरे गुट की छात्राओं से मिलने पहुंच गए, जो इस आंदोलन से अलग हो चुकी थीं। जिसकी जानकारी होते ही धरने पर बैठी छात्राएं वीसी के दफ्तर पहुंचकर नारेबाजी करने लगी। मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने पहले तो उन्हें रोका। बाद में शनिवार रात एक बजे तक पुलिस और छात्राओं के बीच झड़प चलती रही।
घटना पर कुलपति की प्रतिक्रिया
बीएचयू के कुलपति प्रोफेसर गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने इस घटना पर पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने परिसर में घटी इस घटना को दुखद बताया और इसे असामाजिक तत्वों की साजिश करार दिया।
बीएचयू के कुलपति, प्रोफेसर गिरीश चंद्र त्रिपाठी
कुलपति ने कहा, 'हमें पता चला है कि बड़ी मात्रा में बाहर से आए लोग इस आंदोलन को हवा देने की कोशिश कर रहे थे। हमें सूचना मिली है कि कुछ असामाजिक तत्व विश्वविद्यालय के माहौल को बिगाड़ने का षड्यंत्र रच रहे हैं'। त्रिपाठी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमारे एक विद्यार्थी के साथ दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी, जिसके बाद हमने सुरक्षा सख्त करने का निर्णय लिया और इसके लिए प्रयास भी हो रहे हैं। परिसर में छात्राओं की सुरक्षा के लिए जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। परिसर को सुरक्षित बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।