Asset sale process for BSNL-MTNL started, govt. hires firm..
बिजनेस, न्यूज़ डेस्क: आर्थिक तंगी से जूझ रही दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और महानगर टेलिफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) की एसेट मॉनेटाइजेशन की प्रक्रिया यानी संपत्ति को बेचने की प्रक्रिया तेज हो गई है। केंद्र सरकार ने इन कंपनियों की लैंडहोल्डिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
कोरोना काल में प्रक्रिया के पहले चरण के तहत निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) ने प्रॉपर्टी बेचने की संभावनाओं को तलाशने की जिम्मेदारी कंसल्टेंसी फर्म सीबीआरई, जोंस लैंग लासेल (JLL) और नाइट फ्रैंक को सौंपी है। जुलाई के अंत तक ये अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी।
बिक्री से मिलने वाले पैसों का इस्तेमाल कंपनी की माली हालत सुधारने में किया जाएगा। बीएसएनएल और एमटीएनएल की कुल 37500 करोड़ रुपये की संपत्ति बेची जानी है, जिसमें कंपनी की खाली जमीन और बिल्डिंग शामिल है। पिछले 10 में से नौ साल घाटे में रही बीएसएनएल और एमटीएनएल अगले तीन वर्षों में 37,500 करोड़ रुपये विनिवेश से जुटाने का लक्ष्य लेकर चल रही हैं। सरकार ने कर्ज में डूबी कंपनियों का खर्च घटाने के लिए कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का विकल्प दिया था।
अक्तूबर में सरकार ने बीएसएनएल और एमटीएनएल को पटरी पर लाने के लिए 69,000 करोड़ रुपये के पुनरुद्धार पैकेज को मंजूरी दी थी। इसमें इन दोनों कंपनियों को विलय, संपत्तियों की बिक्री और कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) देने की घोषणा थी। केंद्र सरकार का लक्ष्य दोनों कंपनियों के विलय से बाद बनने वाली ईकाई को दो साल के भीतर मुनाफे वाले ईकाई बनाना है।